सीताफल या कस्टर्ड सेब खाने में तो स्वादिष्ट होता ही है। साथ ही ये स्वास्थ्य के लिहाज से भी फायदेमंद माना जाता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, पोटेशियम और मैग्नीज जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इस फल के बारे में लोगों के मन में कई तरह के भ्रम हैं। यही वजह है कि जिन बीमारियों में इसका सेवन करना चाहिए उनमें लोग इसे अवॉइड करते हैं। इन्हीं मिथकों को तोड़ने के लिए सेलिब्रिटी और पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर ने एक पोस्ट शेयर किया है, जिसके जरिए उन्होंने सीताफल को लेकर ये बाताया है कि इससे जुड़े मिथक क्या हैं और वो कितने गलत हैं।
रुजुता कहती हैं कि सीताफल हर आयु के लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह टेस्टी फल स्किन, आंखो की रोशनी बाल और हीमोग्लोबिन लेवल को भी ठीक रखता है। सीताफल में उच्च जैव सक्रिय अणु होते हैं जो एंटी-ओबेसोजेनिक, एंटी-डायबिटीज और कैंसर-रोधी गुणों से भरपूर होते हैं।
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सीताफल से जुड़े मिथक और सच्चाई
पहला मिथक- डायबिटीज मरीजों के लिए नुकसानदायक
तथ्य- इसे लेकर रुजुता का कहना है कि जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है उन्हें सीताफल का सेवन करना चाहिए। मौसमी फल डायबिटीज मरीजों के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
दूसरा मिथक- हृदय रोगी सीताफल से रहें दूर
तथ्य- सीताफल में मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन सी की भरपूर मात्रा होते ही। इसका सेवन करने से हार्ट के साथ-साथ बल्ड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है।
तीसरा मिथक- मोटापे के शिकार लोगों को करना चाहिए अवॉइड
तथ्य- रुजुता के मुताबिक सीताफल विटामिन बी कॉम्प्लेक्स खासकर विटामिन B6 का अच्छा सोर्स है। साथ ही ये पेट फूलने की समस्या में भी लाभदायक है।
चौथा मिथक - पीसीओडी से ग्रसित महिलाएं ना खाएं सीताफल
तथ्य- इस बारे में रुजुता कहती हैं कि PCOD से जूझ रहीं महिलाओं के लिए सीताफल फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। इसके साथ ही यह प्रजनन क्षमता को ठीक रखने और चिड़चिड़ेपन से निजात दिलाने में भी कारगर है।