अधिकतर लोगों का दही के बिना गुजारा नहीं होता है, उन्हें खाने में दही तो चाहिए ही फिर वो ताहे किसी भी रूप में हो। दही की खासियत है कि आप इसे जैसे चाहें वैसे इस्तेमाल कर सकते हैं। दही की खासियत है कि आप इसे रायते की तरह खाने के साथ खा सकते हैं, या फिर आप इसमें उबला आलू और नमक डालकर रोटी-पराठे के साथ ही बड़े चाव से खा सकते हैं। बाजार की अपेक्षा घर का जमा दही स्वाद में बेहतरीन और सेहत के लिए अच्छा होता है। पहले जमाने में लोग दही को मिट्टी के बर्तन या मिट्टी की हांडी में जमाते थे। मिट्टी के बर्तन में दही ना केवल अच्छा जमता है बल्कि ये सेहत के लिहाज से भी ज्यादा अच्छा होता है। जानें मिट्टी के बर्तन में दही जमाने से क्या क्या फायदा होता है-
पोषक तत्वों का भंडार-
मिट्टी में कई नेचुरल मिनरल्स होते हैं। यदि क्रॉकरी बनाने के लिए इस्तेमाल की गई मिट्टी की सरंचना ठीक है, तो इसमें प्राकृतिक रूप से आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, सल्फर और अन्य कार्बनिक पदार्थ अच्छी मात्रा में होंगे। ऐसे में जब आप हांडी या मिट्टी के बर्तन में दही जमाएंगे, तो आपको स्वाद के साथ इन पोषक तत्वों का भी फायदा मिलेगा।
जमता है गाढ़ा दही-
मिट्टी के बर्तन में दही ज्यादा गाढ़ा जमता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मिट्टी का बर्तन दही में मौजूद अतिरिक्त पानी को सोख लेता है। इसी वजह से दही गाढ़ा जमता है और स्वाद में लाजवाब होता है।
नहीं होता तापमान में बदलाव-
मिट्टी के बर्तन या फिर मिट्टी की हांडी में चीजें जल्दी गर्म नहीं होतीं। ये तापमान को अवशोषित कर लेता है। जब आप इसमें दही जमाते हैं तो इसके तापमान में बदलाव नहीं होता। इसकी वजह से दही लंबे वक्त तक खराब नहीं होता।
दही नहीं होता खट्टा-
दही जमाने के लिए आपको दूध के साथ-साथ जामन की भी जरूरत होती है। जब आप मिट्टी के बर्तन में दही जमाते हैं तो मिट्टी एल्कलाइन होने के कारण कई सारे एसिड को बैलेंस कर लेती है। इससे दही स्वाद में मीठा बना रहता है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।