हरसिंगार का पौधा छूने मात्र से दिल-दिमाग खुश हो जाता है। इसके पूलों को जादुई पुष्प कहा जाता है। हरसिंगार को पारिजात भी कहा जाता है। ये पौध न सिर्फ घर की बालकनी की खूबसूरती बढ़ाता है बल्कि सेहत को कई फायदे भी पहुंचाता है। हरसिंगार के फूलों में ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं। गठिया के मरीज को हरसिंगार के फूलों का रस पीने की सलाह दी जाती है। स्वामी रामदेव ने इसके कई फायदे बताए हैं। हरसिंगार के पेड़ में एंटीऑक्सीडेंट, सूजन-रोधी और एंटी बैक्टीरयल गुण पाए जाते हैं जो अर्थराइटिस से मरीज के लिए फायदेमंद साबित होते हैं।
गठिया रोग में हरसिंगार का इस्तेमाल
हरसिंगार में एंटी-रूमेटिक गुण पाए जाते हैं। गठिया रोग में इसे काफी असरदार माना जाता है। हरसिंगार के फूलों का रस पीने से हड्डियां मजबूत बनती है और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। आप चाहें तो हरसिंगार का तेल भी सूजन, दर्द या चोट वाली जगह पर लगा सकते हैं। किसी भी तरह का तनाव हो, गठिया की बीमारी, मांसपेशी में तनाव या फिर मांसपेशियों में दर्द की समस्या हो तो आप इस तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
हरसिंगार के फूलों का रस पीने से फायदा
हरसिंगार के फूलों, पत्तों और टहनियों का मिला हुआ जूस पीने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। इससे सूजन की समस्या कम हो जाती है। आयुर्वेद में इसके फूलों का लेप जोड़ों पर लगाने से सूजन में आराम मिलता है। नारियल के तेल में थोड़ा हरसिंगार का तेल मिला लें और इसे थोड़ा गर्म करके मालिश कर लें। इससे सूजन में काफी आराम मिलता है।
साइटिका में भी है फायदेमंद
साइटिका का दर्द बड़ा तेज और असहनीय होता है। इसमें कमर से पैर तक तेज दर्द होता है, जिससे चलने में कठिनाई होती है। जिन लोगों को साइटिका की समस्या है उन्हें हरसिंगार के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से बहुत फायदा होता है। आप चाहें तो हरसिंगार के सूखे पत्तें का चूर्ण बनाकर भी सुबह शाम पानी से ले सकते हैं। इससे साइटिका के दर्द से आराम बहुत मिलेगा।
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(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)