कोरोना वायरस के कारण अभी पूरी दुनिया सहमी हुई है। इससे बचने के लिए शोधकर्ता लगातार वैक्सीन बनाने लिए रिसर्च कर रहे हैं। इसी बीच चीन में नए वायरस के संक्रमण के कारण एक व्यक्ति की मौत की खबर सामने आ रही हैं। जिसके साथ ही पूरी दुनिया परेशान हो गई है। शुरुआती जानकारी के अनुसार यह कोरोना वायरस की तरह खतरनाक नहीं है। इससे संक्रमण से मौत का प्रतिशत भी कम है यानी समय रहते इस पर काबू पाया जा सकता है। इसे स्वाइन फ्लू या बर्ड फ्लू की तरह ट्रीट किया जा सकता है। जानें कोरोना वायरस और हंता वायरस में क्या है फर्क।
कोरोना वायरस और हंता वायरस कैसे है फैलता?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना वायरस बीमारी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकले थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैल जाते है। इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं। संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
इंसान के फेफड़े शरीर में वो जगह हैं जहां से ऑक्सीजन शरीर में पहुंचना शुरू होता है जबकि कार्बन डाई ऑक्साइड शरीर के बाहर निकलता है। लेकिन कोरोना के बनाए छोटे-छोटे एयरसैक में पानी जमने लगता है और इस कारण आपको सांस लेने में तकलीफ़ होती है और आप लंबी सांस नहीं ले पाते। ऐसे में मरीज़ को वेन्टिलेटर की ज़रूरत पड़ती है। कई बार इस बात को लेकर गंभीरता न लेने पर मौत भी हो सकती है।
Coronavirus: कोरोना वाेयरस क्या है? जानें लक्षण, कारण, भ्रम और बचाव
वहीं हंता वायरस की बात की जाए तो अगर कोई व्यक्ति चूहों के मल-मूत्र या लार को छूने के बाद अपने चेहरे पर हाथ लगता है तो वह भी हंता से संक्रमित हो जाता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है।
कैसे हुई कोरोना और हंता की शुरुआत
कोरोनावायरस चीन के शहर वुहान से पहला मामला सामने आया था। कोरोनावायरस बीमारी की शुरुआत को लेकर चीनी प्रशासन ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला 31 दिसंबर को चीन के वुहान शहर के मांस-मछली और जानवरों के एक बाजार का था। इस व्यक्ति को बिल्कुल निमोनिया के बुखार जैसे लक्षण नजर आए।
हालांकि, लांसेट मेडिकल जर्नल में चीनी शोधकर्ताओं द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार कोविड 19 (Covid-19) से संक्रमित होने वाले पहले व्यक्ति का मामला 1 दिसंबर 2019 को सामने आया। इतना ही नहीं यह व्यक्ति वुहान के मछली थोक बाज़ार के संपर्क में नहीं आया था।
वहीं हंता वायरस की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2 मार्च 2000 में लॉस टैबलस और ग्वारारे जिलों से हंतावायरस पल्मोनरी सिंड्रोम से 3 मौतों सहित 12 संदिग्ध मामले सामने आया था। इसके बाद अमेरिका में 4 सितंबर 2012 में फैला है। फिर क्रमश: पब्लिक ऑफ पनामा में 4 जनवरी 2019 में हुआ। इसके बाद 23 जनवरी 2019 अर्जेंटीना गणराज्य में फैला। अब चीन में हंता वायरस की वजह से 23 मार्च को एक शख्स की मौत की ख़बर है।
कोरोना वायरस और हंता के लक्षण
कोरोना वायरस और हंता के लक्षणों में काफी समानता है। सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक यह वायरस कोरोना की तरह घातक नहीं है। इससे संक्रमित व्यक्तियों के मरने का आंकड़ा 38 प्रतिशत है।
हंता वायरस के लक्षण
सिरदर्द,चक्कर आना, ठंड लगना, बुखार माइलियागिया , गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे कि मतली, उल्टी, दस्त और पेट में दर्द होता है, अचानक सांस लेने में तकलीफ ,हाइपोटेंशन आदि होता है।
कोरोना वायरस के लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के लक्षण की बात करते हुए बताया 88 फीसदी को बुखार, 68 फीसदी को खांसी और कफ, 38 फीसदी को थकान, 18 फीसदी को सांस लेने में तकलीफ, 14 फीसदी को शरीर और सिर में दर्द, 11 फीसदी को ठंडी लगना और 4 फीसदी को डायरिया होना प्रमुख है। गौर फरमाने वाली बात ये है कि रनिंग नोज यानी नाक बहना कोरोना वायरस के मरीजों में मिला ही नहीं। वहीं दूसरी ओर भारत में नाक बहने वालों में कोरोना को लेकर सबसे ज्यादा डर है।