हाथ पैर मुंह की बीमारी को अक्सर बच्चों से जोड़कर देखा जाता है क्योंकि इसके मामले सबसे ज्यादा बच्चों में मिलते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है ये बड़ों में भी हो सकता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर हो। दरअसल, ये एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन है जो कि कॉक्ससैकीवायरस (coxsackievirus) की वजह से फैलता है। इसमें पूरे शरीर पर दाने हो जाते हैं और मुंह में भी अल्सर जैसे दाने निकलने लगते हैं। इसके अलावा भी इस बीमारी कमें कई अन्य लक्षण भी नजर आते हैं। जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से। साथ ही जानेंगे इस बीमारी से बचाव का उपाय।
हाथ पैर मुंह की बीमारी क्या है-Hand foot and mouth disease in hindi
हाथ पैर मुंह की बीमारी, असल में एक बेहद गंभीर और तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है। यह एंटरोवायरस जीनस के वायरस के कारण होता है, जो आमतौर पर कॉक्ससैकीवायरस होता है। ये वायरस गंदे हाथों या मल से दूषित सतहों के सीधे संपर्क से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं। यह किसी व्यक्ति की लार, मल या श्वसन स्राव के संपर्क से भी फैल सकता है। इसमें मुंह में छाले या घाव और हाथों और पैरों पर दाने होते हैं। यह संक्रमण सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह आमतौर पर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होता है।
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हाथ पैर मुंह की बीमारी के लक्षण-Symptoms of hand, foot and mouth disease
इस संक्रमण होने के 3 से 6 दिन बाद लक्षण विकसित होने लगते हैं। इसमें
बुखार
भूख न लगना
गला खराब होना
सिरदर्द
चिड़चिड़ापन
अस्वस्थ महसूस करना
मुंह में दर्दनाक लाल छाले
लार टपकना
आपके हाथों और पैरों के तलवों पर लाल दाने
गले में खराश
बुखार हो सकता है।
दाने आमतौर पर चपटे लाल धब्बों जैसे दिखते हैं। गहरे रंग की त्वचा पर धब्बों को देखना कठिन हो सकता है, इसलिए हाथों की हथेलियों और पैरों के निचले हिस्से की जांच करना आसान होता है। इसके अलावा ये जीभ पर भी मोटे-मोटे छाले के रूप में भी नजर आ सकते हैं।
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इंफेक्शन से बचाव के लिए इन बातों का रखें ख्याल
एंटरोवायरस जो कि इस बीमारी का कारण है ये तेजी से फैल सकता है। इसलिए हर व्यक्ति को इन बातों का ख्याल रखना चाहिए। जैसे कि
-संक्रमित व्यक्ति या फिर बच्चे की थूक से दूर रहें।
-दानों को फोड़ने से बचें।
-हाथों की सफाई करते रहें।
-मास्क पहने और छींकने के दौरान लोगों से दूरी बनाएं।
इसके अलावा लक्षण नजर आते ही डॉक्टर के पास जाएं। जांच करवाएं और फिर इलाज करवाएं। ताकि ये बीमारी दूसरे लोगों तक न फैले।