Highlights
- एस्ट्राजेनेका की दवा को DCGI ने दी मंजूरी
- तीसरे चरण के परीक्षण के बाद मिली मंजूरी
Good News: इंडिया में ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए एस्ट्राजेनेका की दवा को भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) से मंजूरी मिल गई है। अब एस्ट्राजेनेका की यह दवा भारतीय बाजार में आसानी से उपलब्ध होगी। इस दवा का नाम लिंपार्जा है। DCGI ने ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआती लेवल से गुजर रहे अडल्ट मरीजों को इस दवा के इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है। एस्ट्राजेनेका इंडिया ने बताया कि यह अनुमति तीसरे चरण के परीक्षण के नतीजों को देखते हुए दी गई है जिनमें यह दवा उपचार में मददगार बताई गई है। इस मंजूरी के साथ ही अब इस दवा को अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान और कई अन्य देशों के साथ भारत में भी मंजूरी मिल गई है। एस्ट्राजेनेका इंडिया के डायरेक्टर जनरल और कंट्री चीफ गगनदीप सिंह ने कहा कि लिंपार्जा को नियामकीय मंजूरी मिलने से भारत में कैंसर उपचार के लिए समाधान देने की खातिर नवोन्मेष और क्लिनिकल रिसर्च की हमारी बढ़ती क्षमताएं और भी मजबूत होंगी।
ब्रेस्ट कैंसर के लिए भारत में उपलब्ध दवाएं
भारत में इससे पहले भी ब्रेस्ट कैंसर में इस्तेमाल होने वाली दवाओं को DCGI ने मंजूरी दी है। जिनमें से फेस्गा को DCGI ने अक्टूबर 2021 में मंजूरी दी और जनवरी 2022 में आयात लाइसेंस मिला। दवा कंपनी फेस्गो का कहना है कि वैश्विक स्तर पर इस दवाई के जरिए दिसंबर 2021 तक 17,000 से अधिक ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों ने इसका लाभ उठाया है।
दूसरी दवा का नाम ट्रैस्टूजुमाब (Trastuzumab) है। यह एक बायोसिमिलर दवा है। इसका अर्थ यह है कि इसे जिंदा स्रोतों जैसे कोशिकाओं से बनाया गया है ना कि किसी केमिकल से। इसकी कीमत भी सामान्य दवा के मुकाबले 65 फीसदी तक कम है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फर्स्ट स्टेज के कैंसर से लड़ने में यह दवा काफी कारगर है। साथ ही साथ कुछ केसेज में देखा गया है कि अडवांस स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर में भी यह दवा काफी उपयोगी साबित हुई है। WHO के डायरेक्टर जनरल टेडरोस घेब्रेयेसुस का कहना है, 'WHO की दवा ट्रैस्टूजुमाब दुनियाभर की महिलाओं के लिए गुड न्यूज है क्योंकि गरीब देशों में महंगी दवाइयों के कारण इलाज काफी महंगा है। किफायती और असरदार इलाज हर महिला का अधिकार है। आज ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही महिलाओं के लिए मेडिसीन की दुनिया में कई ऑप्शन मौजूद हैं जिनकी मदद से ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को काफी राहत मिली है।