देश-दुनिया में आजकल हार्ट अटैक के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं। पहले ज़्यादातर अधेड़ उम्र के लोग इस बीमारी से पीड़ित होते थे। लेकिन अब हार्ट अटैक के मामले इतने आम हो चुके हैं कि युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण अधिक वजन, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लडप्रेशर हो सकता है। हार्ट अटैक आने पर लोग बेहद परेशान हो जाते हैं, उन्हें समझ में नहीं आता है कि ऐसे समय में क्या करें। हार्ट अटैक के मरीज को अगर तुरंत अस्पताल नहीं पहुंचाया गया तो उसकी जान भी जा सकती है। इसलिए अगर किसी को हार्ट अटैक आये तो मरीज को तुरंत होश में लाने के लिए सीपीआर देना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि सीपीआर एक ऐसी तकनीक है जिससे मरीज को होश में लाया जा सकता है। क्या होता है सीपीआर, इसे कैसे दिया जाता है और इसे देने के बाद क्या करना चाहिए चलिए हम आपको बताते हैं।
हार्ट अटैक आते ही तुरंत दें सीपीआर
अगर किसी को हार्ट अटैक आए तो बिना देरी किये उस मरीज को आप तुरंत सीपीआर दें। सीपीआर का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन। सीपीआर की बदौलत काफी हद तक मरीज की जान बचाई जा सकती है। यह एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी की फर्स्ट एड है। सीपीआर से ब्लड और ऑक्सिजन की सप्लाई फिर से शुरू हो जाती है। इसलिए अगर किसी मरीज की सांस रुक जाए या दिल का दौरा पड़े तो इस सीपीआर देकर आप उसकी जान बचा सकते हैं।
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कैसे देते हैं सीपीआर?
जब भी किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आये तो उसे जमीन पर सीधा लिटा दें और फिर उसके बाद अपने दोनों हाथों की हथेली को एक साथ जोड़कर पीड़ित की छाती पर जोर से दबाएं। मरीज की छाती को दबाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह सेमी तक अंदर धंस जाए। छाती को ज़ोर से दबाने पर खून में फिर से ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई चालू होने की सम्भावना कई गुना बढ़ा जाती है।
सीपीआर देने के बाद करें ये काम
सीपीआर देने से मरीज की सांस तो फिर से चलना शुरू हो जाएगी। लेकिन उसके बाद आप बिना देरी किये तुरंत मरीजों को डॉक्टर के पास लेकर जाएं और किसी नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवा दें।