कई बार ऐसा होता है कि सुबह उठने के बाद आपके गर्दन में बहुत तेज मोच आ जाती है जिससे नेक, और कंधे में बहुत तेज दर्द होने लगता है। सर्दियों के मौसम में इस समस्या से लोग अक्सर परेशान रहते हैं। दरअसल, रात में सोते समय गलत पोजिशन में सोने, तकिए की क़्वालिटी बेहतर नहीं होने से भी गर्दन में मोच आ जाती है। कई बार सिर और गर्दन को टेड़ा-मेढ़ा रखने से भी मासंपेशियों में अकड़न आने लगती है। ज्यादातर गर्दन दर्द गलत पोजिशन में सोने से होता है। इससे गर्दन में जकड़न, पीठ में दर्द, सिर में दर्द शुरू हो जाते यहीं आप अपना सिर भी ढंग से घुमा फिरा नहीं पाते हैं या फिर हल्का सा गर्दन घुमाने पर भी बहुत तेज दर्द होने लगता है। वहीँ कई बार ऊपरी स्पाइनल ज्वाइंट्स में ऑस्टियोअर्थराइटिस की समस्या, से भी आपको ये परेशानी हो सकती है।अगर आपको भी ये परेशानी हो रही है तो तुरंत इन घरेलू नुस्खों को आज़माएं।
गर्दन दर्द दूर करने के घरेलू उपाय
- बेहतर क़्वालिटी के तकिया का करें इस्तेमाल: आपके गर्दन में आए मोच के पीछे तकिया का बहुत बड़ा हाथ हो सकता है। इसलिए सोने के लिए आप जिस तकिये का इस्तेमाल करते हैं उसकी क़्वालिटी बेहतर होनी चाहिए। ऐसे तकिया का इस्तेमाल करें जो सही तरीके से सिर और गर्दन को सपोर्ट करे।
- तेल से करें मालिश: अगर आपके गर्दन में मोच या क्रैम्प आ जाए तो तुरंत नारियल या सरसों के तेल से मालिश करें। मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और मसाज के बाद आपका दर्द कम हो जाएगा।
- आइस पैक लगाएं: जब भी सोकर उठने के बाद गर्दन में दर्द हो, तो आप दर्द वाली जगह पर आइस पैकिंग करें। इससे दर्द वाली जगह पर आई सूजन और अकड़न तुरंत दूर होती है।
- हीट पैड लगाएं: अगर आपके गर्दन में बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है तो तुरंत हीट पैड से सिंकाई करें। 20 मिनट तक हीट पैक से अपने नेक की सेकाई करें। इससे आपके मांसपेशियों का खिंचाव दूर होता है मसल्स को आराम मिलता है।
- योग और एक्सरसाइज़ करें: योग करने से गर्दन में ब्लड का फ्लो बढ़ता है।आसान से एक्सरसाइज करके आप गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं। सीधे खड़े होकर अपने गर्दन को दाईं और बाईं तरफ 15 से 20 सेकंड के लिए घुमाएं। इस प्रक्रिया को कम से कम 5 बार दोहराएं। इसके अलावा गर्दन को गोलाकार में भी पांच से दस बार धीरे-धीरे घुमाएं। गर्दन दर्द से छुटकारा मिलेगा।
इन बातों का भी रखें ध्यान
- लैपटॉप पर लम्बे समय तक बैठकर काम न करें।
- हर 40 मिनट के बाद थोड़ा टहलें।
- बैठते या सोते समय अपने पोस्चर का ध्यान दें।
- सोते समय अच्छी क़्वालिटी का तकिया इस्तेमाल करें।