हेल्दी डाइट में फल और जूस को शामिल किया जाता है। डॉक्टर्स रोजाना फ्रूट्स खाने की सलाह देते हैं। फल खाने से शरीर को जरूर विटामिन, मिनरल, फाइबर और दूसरे पोषक तत्व मिलते हैं। फिटनेस का ख्याल रखने वाले लोग रोजाना फल या जूस जरूर पीते हैं। दिन में 1-2 फल खाना सेहतमंद रहने की निशानी है। हालांकि कुछ लोगों को फल खाने में बड़ा आलस आता है इसलिए वो फलों का जूस पी लेते हैं। जूस पाने में ज्यादा टेस्टी लगता है और आसानी से पेट के अंदर चला जाता है, लेकिन डॉक्टर्स जूस को ज्यादा फायदेमंद नहीं मानते हैं। आइये जानते हैं फल खाना या जूस पीना सेहत के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद?
फल या फलों का जूस क्या है बेहतर?
सोशल मीडिया पर AIIMS की डॉ. प्रियंका ने एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में डॉक्टर प्रियंका अपने मरीजों को कभी भी फलों का जूस नहीं पीने की सलाह दे रही हैं। उनका कहना है फलों का जूस कभी नहीं पीना चाहिए, बल्कि इसकी जगह सादा फल खाने चाहिए। इसकी वजह है कि जब फलों से जूस बनाया जाता है, तो फलों का डायटरी फाइबर कम हो जाता है या खत्म हो जाता है। जबकि आंत को हेल्दी रखने और कब्ज से छुटकारा पाने के लिए डायटरी फाइबर की जरूरत होती है। वहीं जूस पीने से शरीर में एकदम से शुगर लेवल बढ़ने लगता है। जो खतरनाक हो सकता है।
फल खाने के फायदे
पेट की समस्याएं दूर- रोजाना फल खाने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। फल खाने से शरीर को भरपूर मात्रा में फाइबर मिलता है। इससे कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। रोजाना फल खाने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है और पेट से जुड़ी समस्याएं कम होने लगती हैं।
वजन कम- फाइबर के सेवन से शरीर का बढ़ा हुआ वजन भी कम होने लगता है। खासकर सेब, अमरूद और नाशपाती खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है। इन फलों में विटामिन और भरपूर फाइबर पाया जाता है। फलों में कैलोरी और फैट न के बराबर होता है। इन्हें खाने से आप कैलोरी इनटेक को कंट्रोल कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल घटाए- फलों में सोडियम की मात्रा कम होती है, जिसके कारण फल खाने से उच्च कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है। फल विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। कई फलों में विटामिन ए, सी और ई होते हैं। फल मैग्नीशियम, जिंक, फॉस्फोरस, पोटेशियम और फोलिक एसिड के भी अच्छे स्रोत हैं। इससे ब्लड प्रेशर, मोटापा और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां कम होती हैं।