आजकल युवाओं के बीच फ्रोजन फूड और पैक्ड फूड खाने का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। समय की कमी और घर से दूर रहने वाले युवा अक्सर ऐसे फूड्स का सेवन करते हैं। घर के बने ताजा खाने के मुकाबले फ्रोजन फूड सेहत के लिए खराब माना जाता है। लंबे समय तक स्टोर किए जाने वाले फ्रोजन फूड (Frozen Foods) में हाइड्रोजेनेटेड पाम ऑयल का उपयोग किया जाता है। जिसमें हानिकारक ट्रांस फैट पाए जाते हैं। इसके अलावा इस तरह के खाने में स्टार्च और ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा होती है। फ्रोजन और प्रिजरव फूड को फ्रेश बनाए रखने के लिए कई तरह के कैमिकल्स का उपयोग किया जाता है। ये सारी चीजें मिलकर फ्रोजन फूड और प्रिजर्वेटिव वाले बाहर के खाने के खतरनाक बना देती हैं।
अमेरिकी से लेकर भारत तक दुनियाभर में पिछले कुछ सालों में इस तरह के खाने का क्रेज तेजी से बढ़ा है। अगर बात करें भारत की तो युवाओं में जंकफूड और बाहर के खाने का चलन मेट्रो सिटीज में काफी बढ़ा है। इस तरह के खाने से फूड इंफेक्शन का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा मोटापा, लिवर, किडनी, हार्ट और शरीर के हर अंग पर इस खाने का हानिकारक असर पड़ता है। फ्रोजन फूड्स में हाई सोडियम की मात्रा होने के कारण इस खाने से शरीर में कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं।
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डायबिटीज का खतरा- इस तरह के फ्रोजन फूड्स को फ्रेश बनाए रखने के लिए स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है। इस स्टार्च से खाने का स्वाद तो बढ़ जाता है लेकिन इसे पचाना मुश्किल हो जाता है। इस तरह के खाने से शरीर ग्लूकोज को शुगर में बदल देता है। ज्यादा शुगर बढ़ने से डायबिटीज (Diabetes) का खतरा बढ़ता है। इससे शरीर के ऊतकों को भी नुकसान होता है।
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हार्ट के लिए खतरनाक- फ्रोजन और प्रोसेस्ड फूड खाने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। फ्रोजन फूड में ट्रांस फैट्स की मात्रा ज्यादा होती है जो धमनियों में क्लाट की समस्या बढ़ाता है। ट्रांस फैट्स से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है। साथ ही इस तरह के भोजन में सोडियम की ज्यादा मात्रा पाई जाती है जिससे बीपी भी बढ़ जाता है।
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मोटापा बढ़ता है- फ्रोजन फूड में फैट की मात्रा काफी ज्यादा होती है जिससे शरीर में मोटापा बढ़ने लगता है। इस तरह के खाने को पोषक तत्वों से भरपूर बताया जाता है, लेकिन डॉक्टर्स इसे सेहत के लिए धीमा जहर मानते हैं। इस खाने में जो फैट होता है उसमें कार्बोहाइड्रेट या प्रोटीन की तुलना में कैलोरी दोगुनी पाई जाती हैं। अगर आप 1 कप फ्रोजन चिकन खाते हैं तो इससे करीब 600 कैलोरी मिलती हैं।
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कैंसर का खतरा- जो लोग ज्यादा फ्रोजन फूड खाते हैं उन्हें कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। कई रिसर्च में ये पता चला है कि फ्रोजन फूड, खासतौर से फ्रोजन मीट खाने से पैनक्रिएटिक कैंसर होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। एक स्टडी की मानें तो फ्रोजन मसालेदार नॉनवेज, हॉट डॉग और सॉस खाने से 65 फीसदी तक कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)