Flax Seeds: अलसी के बीजों को तीसी या फ्लेक्स सीड्स भी कहा जाता है, इसे सुपर सीड्स माना गया है। अलसी आपके दिल के लिए बेहद फायदेमंद है। अलसी एंटीऑक्सीडेंट भी है, एंटी इंफ्लेमेटरी भी है, इसके अलावा अलसी माइक्रो और मैक्रो न्यूट्रिएंट्स का खज़ाना भी है। अलसी के बीजों में लगभग 35% फाइबर पाया जाता है। महज 10 ग्राम बीजों को कन्ज्यूम किया जाए तो आपके शरीर के लिए दैनिक रूप से आवश्यक प्रोटीन, फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड्स और कई महत्वपूर्ण विटामिन्स और मिनरल्स मिल सकते हैं। साइंटिस्ट और हर्बल मेडिसिन एक्सपर्ट दीपक आचार्य से जानते हैं अलसी के सेवन से आप मोटापे और हाई बीपी को किस तरह कंट्रोल कर सकते हैं, इसके अलावा अलसी के और क्या फायदे हैं?
गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य और उत्तर भारत के कई घरों में अलसी मुखवास के तौर पर पानदान में देखने मिल जाएगी। कुछ लोग इसे भूनकर चबाते हैं, कुछ लोग इसे सौंफ, तिल के साथ मिलाकर इस्तेमाल करते हैं। लेकिन लोगों में कन्फ्यूजन रहता है कि अलसी को खाने का सही तरीका क्या हो सकता है?
अलसी को हल्का भूनकर, कूटकर ही खाया जाना चाहिए ताकि इसका भरपूर फायदा मिले। इसके बीज का आवरण कठोर होता है जिसे हमारा पेट गला नहीं पाता है, इसे कूट लिया जाए तो ये आसानी से शरीर को मिल जाता है।
अलसी का ऐसे करें सेवन
बाज़ार से अलसी के बीज ले आइए। उसे हल्का भून लें और खलबत्ते में कुटाई करके पाउडर तैयार कर लें। आप चाहें तो हल्का सा काला नमक भी मिला सकते हैं। रोज दिनभर में 3-4 चम्मच (करीबन 20-25 ग्राम) चबा लीजिये। हार्ट की समस्या है, हाई ब्लड प्रेशर है या वजन कम करना है, सबमें ये पाउडर फायदा करेगा। अलसी के बीजों में पाए जाने वाला ओमेगा 3 हार्ट के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इन बीजों में ALA (एल्फा लीनोलिक एसिड) पाया जाता है, जो कि आपके दिल की सेहत के लिए बेहद आवश्यक है।
फाइबर की खान है अलसी
अलसी में फाइबर्स खूब होते हैं और ये फाइबर्स सॉल्युबल और इनसोल्युबल दोनों तरह के होते हैं। सॉल्युबल फाइबर पेट में जाकर पाचन की प्रोसेस को स्लो-डाउन करते हैं, पानी को सोखते हैं, जिससे आपकी फ़ूड क्रेविंग्स (भूख लगना) कम हो जाती है, जिसका सीधा असर आपके मोटापे पर पड़ेगा। यही सीधा असर डायबेटिक्स को भी मिलता है, ब्लड शुगर रेगुलेट होता है। इनसोल्युबल फाइबर पचते नहीं है लेकिन उन सूक्ष्मजीवों के लिए बढ़िया आइटम्स हैं जो आपके पेट की सेहत को अच्छा रखते हैं, यानी पाचन तंत्र भी बैलेंस रहेगा। यही अलसी बीज का पाउडर IBS और कॉन्स्टिपेशन की शिकायत करने वालों को भी फायदा पहुंचाता है। मतलब 20-25 ग्राम अलसी के बीजों का चूर्ण कई समस्याओं का समाधान है।
ऐसे इस्तेमाल करें अलसी के बीज
जो लोग महंगा ऑलिव ऑइल यूज़ करते हैं, अलसी के तेल को उसी तरह आजमाएं, सस्ता है और उससे ज्यादा गुण हैं। जो लोग चिया सीड्स खाते हैं वो भी अलसी के बीज को चिया सीड्स की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं। अलसी के बीजों के पाउडर बनाने के लिए ग्राइंड बिल्कुल ना करें, खलबत्ते में कूटकर ही तैयार करें। बटरमिल्क में मिलाएं, दूध में मिलाकर पिएं या गुनगुने पानी में मिक्स करें इस्तेमाल करे, या ऐसे ही खा सकते हैं। लेकिन दिन 20-25 ग्राम जरूर खाएं, घर के बुजुर्गों को जरूर खिलाएं।
हाई बीपी कंट्रोल करने में कारगर है अलसी
क्लिनिकल स्टडीज बताती हैं कि हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में भी ये बीज कारगर हैं। डेढ़ महीने तक इन बीजों के 20 ग्राम पाउडर को 250 से ज्यादा लोगों को कॉन्ज्यूम करवाकर हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों में प्रेशर में गिरावट देखी गई।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।
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