एक सेहतमंद जीवन के लिए इंसान के फेफड़ों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। लेकिन प्रदूषण के संपर्क में रहने, धूम्रपान और कुछ खास हेल्थ कंडीशन्स के चलते लोगों के फेफड़े खराब होने लगे हैं। डॉक्टर्स कहते हैं कि दूषित हवा में सांस लेने और धूम्रपान से लोगों के फेफड़े काले पड़ने लगे हैं। WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल करीब 42 लाख मौतें वायु प्रदूषण के कारण होती हैं। अमेरिका में पांच में से एक मौत का कारण स्मोकिंग है। आइए आज आपको फेफड़ों की नैचुरल सफाई के कुछ बेहतरीन तरीके बताते हैं।
स्टीम थैरेपी
फेफड़ों को दुरुस्त रखने में स्टीम थेरेपी को बहुत कारगर माना जाता है। ये फेफड़ों में जमे बलगम को नष्ट कर वायु मार्ग को खोलने का काम करती है। सांस से जुड़ी तकलीफ होने पर गर्म पानी की भाप लेने से तुरंत राहत मिलती है।
पोस्चरल ड्रेनेज
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पोस्चरल ड्रेनेज टेक्नीक के जरिए फेफड़ों में जमे बलगम को बाहर निकाला जा सकता है। इसके लिए फर्श पर कमर के बल सीधे लेट जाइए। इसके बाद अपनी जांघों के ऊपर वाले हिस्से के नीचे एक तकिया लगाएं। ध्यान रहे कि यह एरिया आपकी छाती से ऊपर होना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे नाक से सांस लें और मुंह से सांस छोड़ें। ऐसा लगातार कुछ मिनटों तक करें। ये एक्सरसाइज करने से छाती में जमा बलगम बाहर आने लगेगा।
ग्रीन टी
ग्रीन टी में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स फेफड़ों में मौजूद इंफ्लेमेशन को कम करने में मददगार होते हैं। ये तत्व फेफड़ों में मौजूद ऊतकों को सिगरेट के धुएं से डैमेज होने से रोकते हैं। इसलिए आपको ग्रीन टी का नियमित सेवन करना चाहिए।
एंटी इंफ्लेमेटरी फूड्स
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आपको डाइट में एंटी इंफ्लेमेटरी फूड्स शामिल करने चाहिए। इसके लिए आप डाइट में हल्दी, पत्तेदार सब्जियां, चैरी, ब्लूबेरी, ऑलिव, अखरोट, फलीदार सब्जियां और दाल जैसी चीजें खा सकते हैं।
चेस्ट पर्क्यूशन
पर्क्यूशन एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिए छाती में जमा अतिरिक्त बलगम को बाहर निकाला जाता है। इसके लिए हेल्थ केयर प्रोफेशनल या रेस्पिरेटरी थैरेपिस्ट कप्ड हैंड को छाती की वॉल से चिपका कर फेफड़ों से बलगम निकालने का काम करते हैं।