फिस्टुला, बवासीर का ही एक रूप है। यह एक ऐसी समस्या है जिसमें गुदा मार्ग की ग्रंथिया संक्रमित हो जाती हैं। जिस वजह से गुदा में फोड़ा हो जाता है और मवाद आने लगता है। यह बीमारी ज़्यादातर मोटापे और लंबे समय तक एक जगह बैठे रहने से होती है। इस समस्या का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के साथ ज़्यादातर सर्जरी से किया जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इसका इलाज़ बिना सर्जरी कराए आयुर्वेद द्वारा भी किया जा सकता है। अश्वगंधा की मदद से आप फिस्टुला का इलाज कर सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं कैसे?
औषधीय गुणों से भरपूर है फिस्टुला
अश्वगंधा एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। अश्वगंधा में कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। मुख्य रूप से यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो आपके इम्यून सिस्टम को बूस्ट कर सकता है। यह संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है। ऐसे में यह आपके फिस्टुला संक्रमण को बढ़ने से रोक सकता है। इससे सूजन कम हो सकती है। इतना ही नहीं, यह संक्रमण को फैलने से रोक सकता है। अश्वगंधा फिस्टुला के घावों को कम करने में कारगर हो सकता है। इसके नियमित सेवन से घाव जल्दी भरने लगते हैं।
ऐसे करें अश्वगंधा का सेवन
- अश्वगंधा को सुबह शाम दूध के साथ सेवन करने से फिस्टुला की समस्या कम होती है।
- अश्वगंधा का सेवन दूध के साथ करने पर भी बेहद फायदा मिलता है। सोने से पहले 1 चम्मच अश्वगंधा को 1 गिलास गर्म दूध के साथ ले सकते हैं। इसकी मदद से आप फिस्टुला के दर्द, मल त्याग की समस्या से राहत पा सकते हैं।
- अश्वगंधा को गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है। इसके लिए सोने से 1 घंटे पहले 1 चम्मच अश्वगंधा गर्म पानी के साथ लें। इससे बेहतर परिणाम मिलेंगे।
- फिस्टुला की समस्या को दूर करने के लिए आप कई तरह से अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं। लेकिन आपकी समस्या गंभीर है तो डॉक्टर की सलाह पर ही अश्वगंधा का सेवन करें।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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