इन दिनों पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। 25 दिसंबर के बाद तो सर्दी का सितम और बढ़ेगा। कुछ लोगों को ठंड का मौसम पसंद होता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए ठंड के 2 महीने काटना मुश्किल हो जाता है। ठंडा मौसम और धूप नहीं निकलने के कारण कई बार उदासी छाने लगती है। कुछ लोग सर्दियों में सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) का शिकार हो जाते हैं जिसे विंटर डिप्रेशन भी कहते हैं। इसके लक्षण डिप्रेशन से ही मिलते जुलते होते हैं।
क्या है विंटर डिप्रेशन? (What Is Winter Depression)
सर्दियों में डिप्रेशन होना एक मेंटल हेल्थ इश्यू है, जो ठंड के दिनों में होता है। सर्दी की वजह से इंसान काफी चिड़चिड़ापन हो जाता है। हर काम में आलस आता है। जिससे तनाव बढ़ता है। ऐसा ज्यादा ठंड शुरु होने से खत्म होने तक कभी भी हो सकता है। विंटर डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है।
क्यों होता सर्दियों में डिप्रेशन?
विंटर डिप्रेशन का मुख्य कारण होता है ज्यादा सर्दी और धूप न निकलना। सर्दियों के दिन भी काफी छोटे होते हैं और टेंपरेचर कम होता है। सूरज की रौशनी नहीं मिलने का असर लाइफ पर पड़ता है। इससे इंसान नेगेटिव, उदास और बीमार जैसा महसूस करता है। कई बार नींद से जुड़ा हॉर्मोन मेलाटोनिन का भी सर्दियों में डिप्रेशन का कारण बन जाता है। धूप न मिलने से शरीर में मेलाटोनिन बनता है। डिससे विंटर डिप्रेशन का खतरा और बढ़ता है।
विंटर डिप्रेशन के लक्षण
- उदासी छाई रहना
- तनाव महसूस होना
- एनर्जी की कमी
- ज्यादा नींद आना
- वजन बढ़ना
- किसी काम में मन न लगना
- रोने का मन करना
- बार-बार खाने की क्रेविंग होना
- चिड़चिड़ापन महसूस होना
विंटर डिप्रेशन से कैसे बचें?
- रोजाना 30 मिनट धूप में जरूर बिताएं
- हेल्दी और ताजा खाना खाएं
- रोजान वर्कआउट जरूर करें
- ध्यान और योग का सहारा लें
- पॉजिटिव सोचें और परिवार के साथ रहें
- विटामिन डी से भरपूर भोजन लें
किन लोगों को होता है विंटर डिप्रेशन
अगर आपने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया है। अगर आपके परिवार में किसी को मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारी है। पहले आप कभी डिप्रेशन या एंग्जाइटी का शिकार हो चुके हैं। आप किसी बहुत बड़ी और गंभीर बीमारी से ठीक हुए हैं। आप बहुत ज्यादा ठंडी जगह पर रहते हैं तो आप विंटर डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं।