फैटी लिवर दो तरह का होता है, पहला है एल्कोहॉलिक फैटी लिवर, जो ज्यादा शराब पीने की वजह से होता है। दूसरा है नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर जो लाइस्टाइल, जेनेटिक, खाने पीने में लापरवाही या किसी दवा के साइड इफेक्ट से भी हो सकता है। फैटी लिवर आजकल एक बड़ी बीमारी के रूप में फैल रहा है। डॉक्टर्स के मुताबिक 10 लोगों में से लगभग 6-7 लोगों को फैटी लीवर हो सकता है। डॉक्टर्स का ये भी कहना है कि फैटी लीवर को इग्नोर करना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। ज्यादा बढ़ने पर ये लिवर कैंसर का कारण बन सकता है।
फैटी लिवर से बढ़ता है खराब कोलेस्ट्रॉल
अगर किसी व्यक्ति का लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है तो शरीर में मौजूद फैट और प्रोटीन से खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। जिसे LDL यानी डेंसिटी लिपोप्रोटीन कहा जाता है। ये खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर हार्ट संबंधी बामारियों को खतरा भी तेजी से बढ़ता है।
फैटी लिवर के लक्षण
फैटी लीवर के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जिसमें पेट के सीधे तरफ के ऊपरी हिस्से में दर्द हो सकता है। वजन कम होना, कमजोरी महसूस होना, आंखों और त्वचा में पीलापन आना, खाना ठीक तरीके से डाइजेस्ट ना होना, एसिडिटी होना या पेट में सूजन होना ये सभी बातें फैटी लिवर बीमारी का संकेत हो सकती हैं। इस तरह के लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
फैटी लिवर में कारगर है ये पौधे
भूमि आंवला एक आयुर्वेदिक दवा है। इसके फल बिल्कुल आंवला जैसे दिखते हैं और यह बहुत छोटा पौधा होता है। इसलिए इसे भुई आंवला या भूमि आंवला कहते हैं। भुई आंवला की टेबलेट आसानी मिल जाती हैं। इनको आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के मुताबिक खाकर फैटी लिवर को नेचुरली सही किया जा सकता है। इसके अलावा पुनर्नवा एक औषधीय पौधा है, जिससे फैटी लिवर को कम किया जा सकता है। पुनर्नवा में रीजेनेटिंग यानी नए सेल बनाने का गुण होता है और साथ ही ये विटामिन सी का भी अच्छा सोर्स है। खाने से पहले पुनर्नवा रस लेने से गैस नहीं बनती और खाना सही पचता है। पुनर्नवा में एंटीऑक्सीडेंट होता है जिससे लीवर संबंधी बीमारियां दूर होती है।