ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis ) में हड्डियां अंदर से कमजोर हो जाती हैं और टूटने लगती है। इस बीमारी की शुरुआत तब होती है जब बोन डेंसिटी यानी हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है। इसमें, शरीर हड्डी के ऊतकों को पुनः अवशोषित करता है और इसे बदलने के लिए कम उत्पादन करता है। ऐसी स्थिति में आपके लिए काजू का सेवन लाभकारी हो सकता है। काजू में ऐसी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो इहड्डियों को अंदर से सेहतमंद रखने में मदद करते हैं। ये न सिर्फ हड्डियों का घनत्व बढ़ाते हैं बल्कि, ये कई चीजों को और बढ़ावा देते हैं जो कि हड्डियों के कामकाज को बेहतर बनाए रखने के लिए जरूरी है। तो, आइए जानते हैं ऑस्टियोपोरोसिस में काजू खाने के फायदे।
ऑस्टियोपोरोसिस में काजू खाने के फायदे:
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कॉपर से भरपूर: ऑस्टियोपोरोसिस में काजू खाने के फायदे कई हैं। सबसे पहले तो ये कॉपर से भरपूर है जो कि बोन मिनरल डेंसिटी बढ़ाने के लिए जरूरी है। कॉपर हमारे शरीर के प्रमुख संरचनात्मक घटकों कोलेजन और इलास्टिन के रखरखाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दरअसल,जब शरीर में कॉपर की कमी होती है हड्डियों के टिशूज बहुत जल्दी खराब होते हैं। इससे कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे जोड़ों का काम न करना। ऐसे में इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करने में मदद मिलती है और इस बीमारी से बचाव होता है।
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कैल्शियम और मैंगनीज से भरपूर: कैल्शियम और मैंगनीज से भरपूर काजू हड्डियों के लिए फायदेमंद है। काजू में मौजूद मैग्नीशियम हड्डियों के निर्माण के लिए जरूरी है क्योंकि यह हड्डियों में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। मैंगनीज, काजू में पाया जाने वाला एक अन्य खनिज है जो कि कॉपर के साथ मिलकर ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद कर सकता है।
ऑस्टियोपोरोसिस में कब और कैसे खाएं काजू?
ऑस्टियोपोरोसिस में आपको काजू वाला दूध पीना चाहिए। इसके लिए दूध में काजू डालकर इसे अच्छी तरह से दरदरा करके पी लें। फिर इस दूध को गर्म कर लें और इसका सेवन करें। तो, अगर आपको ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या है तो, काजू का सेवन शुरू करें।