जब महिलाएं मेनोपॉज के दौर से गुजरती हैं तो उनके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन कम होने लगता है। इस हार्मोन की वजह से बॉडी में कैल्शियम आसानी से अवशोषित होता है।लेकिन जब उम्र बढ़ने के बाद इस हार्मोन का प्रोडक्शन कम होने लगता है तो भोजन से कैल्शियम को बनाने की क्षमता में कमी आती है। इस कारण धीरे धीरे शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।मेनोपॉज के बाद महिलाओं के लिए कैल्शियम बहुत ज़रूरी पोषक तत्व है। यह ना केवल स्वस्थ शरीर के लिए ज़रूरी है, बल्कि इसकी वजह से महिलाओं का हर अंग अच्छी तरह काम करता है। ऐसे में बढ़ती उम्र की महिलाएं, खासतौर पर जो मेनोपॉज से गुजर रही हैं, उन्हें अपने डाइट में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।
कैल्शियम लेना है जरूरी
इन समस्याओं से बचने के लिए महिलाओं को 19 साल से लेकर 70 साल की उम्र तक प्रतिदिन कम से कम 1000 और अधिक से अधिक 2000 एमजी कैल्शियम लेना जरूरी है।अगर डाइट से आप कैल्शियम की आपूर्ति ना कर पाएं तो डॉक्टर की सलाह पर सेप्लीमेंट का सेवन कर सकती हैं।
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बढ़ जाता है हड्डियों के टूटने का खतरा
मेनोपॉज के बाद महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।इस वजह से हड्डियों के चटकने का भी खतरा काफी बढ़ जाता है। इसे आस्टियोपोरोसिस कहा जा सकता है। मेनोपॉज के बाद अगले 5 सालों में 10 प्रतिशत महिलाओं की हड्डियों का वजन कम होने लगता है जिससे फ्रैक्चर की संभावना काफी गुना बढ़ जाती है। कैल्शियम के साथ ही आपको विटामिन डी की कमी भी अपने बॉडी में नहीं होने देना चाहिए।
ये हैं कैल्शियम युक्त फ़ूड
दूध, पनीर और अन्य डेयरी खाद्य पदार्थ, हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे ब्रोकोली, गोभी और भिंडी आदि, सोया सेम, मछली कैल्शियम के बढ़िया स्रोत हैं।