गर्मी के दिनों में बार-बार प्यास लगती है और मुंह सूखता रहता है। इस मौसम में ये समस्या आम है, लेकिन जरूरत से ज्यादा मुंह सूखना या प्यास लगना कुछ बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं। अक्सर मुंह में लार कम होने पर ऐसा होता है। इसका कारण सिर्फ पानी नहीं है, बल्कि कुछ और वजह भी हो सकती हैं। ड्राई माउथ की समस्या को ज़ेरोस्टोमिया (xerostomia) भी कहा जाता है। ऐसा तब होता है जब मुंह में सलाइवा ग्लैंड लार बनाना कम कर देता है। ऐसी स्थिति में हमारा मुंह सूखने लगता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो लार हमारे खाने को पाचने और पाचन क्रिया को मजबूत बनाने में अहम रोल प्ले करती है। इसके बिना खाना पचा पाना मुश्किल हो जाता है। जब हम भोजन को चबाते हैं, तो मुंह में बनने वाली लार खाने को गीला करने और तोड़ने में हेल्प करती है। इससे ओरल हाइजीन भी बना रहता है।
मुंह सूखने के अन्य कारण
अगर आपको बहुत ज्यादा मुंह सूखने की समस्या हो रही है और बहुत प्यास लग रही है तो इसके कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं। डायबिटीज, अल्जाइमर और ये स्ट्रोक के भी संकेत हो सकते हैं। बार-बार मुंह सूखने का लक्षण एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर का भी संकेत हो सकता है।
- डायबिटीज
- अल्जाइमर
- स्ट्रोक
- एचआईवी (HIV)
- नर्वस डैमेज
- स्जोग्रेन सिंड्रोम
मुंह सूखने के लक्षण
- मुंह में ड्राईनेस रहती है
- मुंह के अंदर चिपचिपापन सा महसूस होता है
- मुंह में गाढ़ा सलाइवा बनता है
- कई बार सांस लेने में दुर्गंध आती है
- ज्यादा बोलने और निगलने में परेशानी होती है
- गले में सूखापन और काफी खराश रहती है
- जीभ में ड्राईनेस और स्वाद बदल जाता है
कई बार मौसम बदलने और अचानक से गर्मी बढ़ने पर भी ये समस्या हो सकती है, लेकिन अगर ये परेशानी ज्यादा दिन तक बनी रहे तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। ओरल हाइजीन मेंटेन करें और दिन में खूब पानी पिएं।