आप बिना पानी के अपने शरीर की कल्पना ही नहीं कर सकते इसलिए तो कहा गया है ‘जल है तो जीवन है’...आपके बॉडी का हर अंग बेहतर काम करे इसलिए रोज़ाना लगभग 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए। अगर आप दिनभर में इतना पानी पीते हैं लेकिन गलत ढंग से तो आपको फायदे की जगह नुकसान होगा। दरअसल, कई लोग जानकारी के अभाव में खड़े खड़े पानी पीते हैं।आपको बता दें खड़े होकर पानी पीने से कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। चलिए जानते हैं खड़े होकर पानी पीना क्यों हैं नुकसानदायक?
खड़े होकर पानी पीने से होती है अर्थराइटिस की शुरुआत:
खड़े होकर पानी पीने से शरीर में लिक्विड फ्लूइड की मात्रा बढ़ती है जिससे आपको हड्डियों की परेशानी शुरू हो सकती है। खड़े होक पानी पीन से केवल जोड़ों का दर्द ही नहीं बढ़ता है बल्कि आपकी हड्डियां धीरे धीरे कमजोर होने लगती हैं। दरअसल, जब आप खड़े होकर तेजी से पानी पीते हैं तो आपकी नसें तन जाती है।जिससे लिक्विड फ्लूइड का बैलंस बिगड़ जाता है।यही वह समय होता है जब जोड़ों में बहुत अधिक मात्रा में लिक्विड फ्लूइड जमा हो जाता है और आगे चलकर आपको अर्थराइटिस की समस्या शुरू हो सकती है।
खड़े होकर पानी पीने से हो सकती हैं ये अन्य गंभीर समस्याएं
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किडनी की समस्या: खड़े होकर पानी पीते समय, लिक्विड फ्लूइड बिना किसी फिल्टरेशन के पेट के निचले हिस्से में बहुत ही तेजी से जाता है। इस वजह से पानी की अशुद्धियाँ ब्लैडर में जम जाती हैं और किडनी के फंक्शन को नुक्सान पहुंचाती हैं। इस वजह से यूरिन इंफेक्शन की समस्या भी हो सकती है।
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फेफड़ों पर पड़ता है बुरा प्रभाव: खड़े होकर पानी पीने से ऑक्सीजन लेवल कम होने लगता है। दरअसल, जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो ज़रूरी पोषक तत्व और विटामिन लीवर और पाचन तंत्र तक नहीं पहुँच पाते। खड़े होकर पानी पीने से पानी पेट में तेजी से जाता है जिससे आपके फेफड़ों और दिल की कार्यप्रणाली को ख़तरा होता है।क्योंकि इससे ऑक्सीजन का स्तर बिगड़ सकता है।
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पाचन क्रिया खराब: खड़े होकर पानी पीने से आपके पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो यह बहुत ज़्यादा तेज़ी से भोजन नली से होकर सीधे पेट के निचले हिस्से में गिरता है, जो आपके डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए नुकसानदेह है।
पानी पीने का ये तरीका है सही
पानी आराम से बैठकर पीना चाहिए और पानी पीते समय पीठ सीधी रखें। एक साथ की बजाय पानी को छोटे छोटे घूंट में पीना चाहिए। इससे पोषक तत्व दिमाग तक पहुंचते हैं। इतना ही नहीं, आपका पाचन भी बेहतर होगा और पेट फूलने की समस्या भी नहीं होगी।