कोरोना महामारी के बाद से दुनियाभर में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। सर्दियों का मौसम भी हार्ट के मरीज के लिए मुसीबत बनकर आता है। ठंड में हार्ट अटैक के मामले दोगुने हो जाते हैं। इसकी वजह है कि ठंड में हार्ट को ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। सर्दियों में शरीर की नसें सिकुड़ जाती हैं और सख्त हो जाती है। ऐसे में शरीर को गर्म करने के लिए और ब्लड स्पाई तेज करने के लिए हार्ट तेजी से पंप करता है। जिससे दिल की बीमारी से जूझ रहे लोगों को परेशानी हो सकती है। वहीं ठंड के दिनों में ज्यादा पानी पीना भी मुश्किल में डाल सकते है। अगर आप ठंडा पानी पीते हैं तो ये और भी खतरनाक है।
सर्दियों में ज्यादा पानी पीना हार्ट के लिए है खतरनाक
सर्दियों में कुछ लोग सुबह उठते ही 3-4 गिलास पानी पी लेते हैं, जो हार्ट के मरीज को नुकसान पहुंचा सकता है। सुबह के वक्त ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल कम होता है। ऐसे में शरीर का ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम उसे नॉर्मल करने का काम करता है। जब आप बहुत ज्यादा लिक्विड डाइट ले लेते हैं तो इससे हार्ट को शरीर में मौजूद लिक्विड को पंप करने में और ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
ठंड में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, जानिए बचाव का सही तरीका
हार्ट के मरीज सुबह उठते ही ज्यादा पानी पीने से बचें
एक्सपर्ट्स की मानें तो हार्ट के मरीज को सुबह उठते ही बहुत ज्यादा पानी पीने से बचना चाहिए। आप दिनभर में प्यास और शरीर के हिसाब से पानी पी सकते हैं। इसके अलावा सर्दियों में ठंडा पानी पीना भी सेहत के लिए खतरनाक होता है। ठंडा पानी पीने से नसें और सख्त हो जाती है जिससे दिल को ब्लड सप्लाई के लिए और मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ता है।
हार्ट के मरीज को ठंड में कैसा पानी पीना चाहिए
सर्दियों में हार्ट के मरीज को सुबह जल्दी उठने से बचना चाहिए। अगर आप उठ गए हैं तो उठते ही बहुत ज्यादा मात्रा में पानी न पिएं। आप 1 गिलास पानी पी सकते हैं वो भी हल्का गुनगुना या थोड़ा गर्म। सर्दियों में ठंडा पानी हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए आपको ठंडा पानी पीने से परहेज करना चाहिए। हार्ट के मरीज को ठंड में बहुत ज्यादा पानी भी नहीं पीना चाहिए।