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2-DG Medicine: फेफड़ों को मजबूत करने के साथ ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में मदद करेगी DRDO की दवा, जानें इसके बारे में सबकुछ

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की ओर से विकसित की गयी कोविड-19 रोधी दवा 2DG को आज लॉन्च किया गया है। जानिए इस दवा के बारे में सबकुछ।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : May 17, 2021 12:23 IST
2-DG Medicine: फेफड़ों को मजबूत करने के साथ ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में मदद करेगी DRDO की दवा, जानें इसक
Image Source : TWITTER/ANI 2-DG Medicine: फेफड़ों को मजबूत करने के साथ ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में मदद करेगी DRDO की दवा, जानें इसके बारे में सबकुछ 

भारत सहित कई देशों में कोरोना का कहर जारी है। इसके साथ ही देश में हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्विन, रेमडिसिविर, आइवरमेक्टिन जैसी तमाम दवाओं के कोविड-19 पर असर को लेकर कई रिसर्च हुई। वहीं 2DG पहली दवा है जिसे एंटी-कोविड ड्रग कहा जा रहा है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की ओर से विकसित की गयी कोविड-19 रोधी दवा 2DG को आज लॉन्च किया गया। जानिए इस दवा के बारे में सबकुछ।

2DG दवा किसने बनाई

डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज (डीआरएल), हैदराबाद के सहयोग से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (आईएनएमएएस) द्वारा दवा 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) का एक एंटी-कोविड-19 चिकित्सकीय अनुप्रयोग विकसित किया गया है।

किस रूप में होगी 2डीजी दवा
यह दवा पाउडर के रूप में उपलब्ध होगी। जिसे पानी के साथ घोलकर पिया जाएगा। 

कोरोना के मरीजों में कैसे होगी मददगार
यह दवा उन मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है जिन्हें सास लेने में समस्या हो रही है। क्लीनिकल टेस्ट में यह बात सामने आई है कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2DG) के क्लीनिकल परीक्षण में पता चला है कि इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही इस दवा से मरीज जल्दी ठीक होते हैं।  

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इसके प्रयोग से सामान्य उपचार की अपेक्षा लोग ढाई दिन जल्दी ठीक हुए हैं। साथ ही ऑक्सीजन डिपैंडैंसी भी लगभग 40 फ़ीसदी तक कम देखने को मिली है। इसका पाउडर फॉर्म में होना भी इसकी एक बड़ी खासियत है। इसे ORS घोल की तरह इसका इस्तेमाल लोग बड़ी आसानी से कर सकेंगे।

कोरोना के खिलाफ कैसे मददगार साबित होगी ये दवा
कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए यह दवा काफी  लाभदायक होगी। 1 मई को डीसीजीआई ने इस दवा को इसी तरह का रुझान 65 साल से अधिक उम्र के मरीजों में देखा गया । दिनांक 1 मई, 2021 को डीसीजीआई ने इस दवा के आपातकालीन उपयोग की गंभीर कोविड-19 रोगियों में सहायक चिकित्सा के रूप में अनुमति प्रदान की। ग्लूकोज का एक सामान्य अणु और एनालॉग होने के नाते इसे आसानी से उत्पादित किया जा सकता है और देश में अधिक मात्रा में उपलब्ध कराया जा सकता है। 

इस दवा को लेकर क्लीनिकल ट्रायल पर क्या मिला रिजल्ट
सफल परिणामों के आधार पर डीसीजीआई ने नवंबर 2020 में चरण-3 नैदानिक परीक्षणों की अनुमति दी। दिल्ली,उत्तर प्रदेश,पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के 27 कोविड अस्पतालों में दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच 220 मरीजों पर फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल किया गया। तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के विस्तृत आंकड़े डीसीजीआई को पेश किए गए। 2-डीजी के मामले में रोगियों के लक्षणों में काफी अधिक अनुपात में सुधार देखा गया और एसओसी की तुलना में तीसरे दिन तक रोगी पूरक ऑक्सीजन निर्भरता (31 के मुकाबले 42 प्रतिशत) में खत्म हो गई थी। इसी तरह सुधार से अधिक उम्र के मरीजों में भी देखने को मिला। 

 

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