हेल्थ डेस्क: कोरोना काल में लोगों के मन में कई तरह के डर हैं, कोरोना की सेकेंड वेव काफी खतरनाक है जिससे लोगों के फेफड़ों को काफी नुकसान हो रहा है, ऐसे में लोग सीटी-स्कैन करवाते हैं ये जानने के लिए कि कोरोना वायरस ने उनके लंग्स को कितना इफेक्ट किया है, मगर वहीं लोगों के मन में इस बात का डर भी है कि क्या सीटी-स्कैन कराने से कैंसर हो जाता है, साथ ही लोगों को ये भी पता नहीं होता है कि सीटी-स्कैन कब कराना चाहिए कोरोना संक्रमित होने पर। लोगों के मन में सीटी वैल्यू को लेकर भी सवाल हैं। आज हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देंगे।
कोरोना काल में लहसुन है बड़े काम की दवाई, लहसुन के जूस से लंग्स होता है मजबूत और इन बीमारियों से भी आप रहेंगे दूर
कब नहीं कराना चाहिए सीटी-स्कैन
सबसे पहले ये जानते हैं कि कब हमें सीटी-स्कैन नहीं कराना चाहिए।
- अगर आपकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है मगर आपमें कोविड के कोई लक्षण नहीं हैं यानी कि आप ए-सिम्टमैटिक हैं तो आपको सीटी-स्कैन कराने की कोई जरूरत नहीं है।
- अगर आपमें कोविड के माइल्ड लक्षण हैं, यानी कि आपको सर्दी जुकाम हुआ और हल्का बुखार है, मगर आपको ज्यादा परेशानी नहीं है तब भी आपको सीटी-स्कैन कराने की कोई जरूरत नहीं है।
- इसके अलावा इसे आरटी-पीसीआर की तरह इस्तेमाल नहीं करना है, यानी कि आपको कोविड हुआ है या नहीं ये पता करने के लिए आपको सीटी-स्कैन नहीं कराना है।
Healthy Lungs Diet: फेफड़ों को रखना है मजबूत तो आज ही छोड़ दें ये आदतें और ये फूड, वरना बढ़ जाएगी परेशानी
कब सीटी-स्कैन कराना है?
- डॉक्टर ने अगर सलाह दी है तब सीटी-स्कैन कराना है।
- बहुत सारे लोग गलती करते हैं कि कोविड टेस्ट कराते वक्त सीटी-स्कैन भी करा आते हैं, यहां उनसे गलती हो जाती है, क्योंकि शुरुआती दौर में कोरोना वायरस आपके फेफड़े तक तो पहुंचा ही नहीं होता है, उस वक्त वायरस नाक और गले के एरिये में होता है। शुरू में सीटी-स्कैन नॉर्मल आ सकता है मगर बाद में सीवियर कोविड हो सकता है और फेफड़े तक वायरस पहुंच जाता है इसलिए चौथे से छठे दिन के बीच सीटी-स्कैन कराना बेहतर होता है, हालांकि डॉक्टर की सलाह के बाद ही सीटी-स्कैन कराएं।
- अगर आपको 4 दिन बाद काफी ज्यादा वीकनेस है, खांसी आ रही है, चेस्ट में बहुत ज्यादा पेन है और सांस लेने की तकलीफ है तब आप सीटी-स्कैन कराएं।
- सीटी-चेस्ट कराने से फेफड़े में इंफेक्शन का सही पता लगता है, क्योंकि आरटी-पीसीआर में कोविड की गंभीरता का पता नहीं चलता है।
कोरोना से बचाव के लिए आयुष मंत्रालय ने शेयर किए कुछ खास उपाय, इम्यूनिटी भी होगी मजबूत
क्या सीटी-स्कैन कराने से कैंसर होता है?
डॉक्टर अव्यक्त अग्रवाल का कहना है कि- ''ये बात सच है कि सीटी-स्कैन में रेडिएशन का इस्तेमाल होता है और रेडिएशन कैंसर होने की संभावनाओं को बढ़ा देता है। मगर आजकल टेक्नॉलजी इतनी अच्छी है कि सीटी-स्कैन के वक्त बेहद कम रेडिएशन का इस्तेमाल होता है, इसलिए एक-दो बार क्लिनकली सीटी-स्कैन कराने से कैंसर नहीं होता है। अगर बहुत बार सीटी-स्कैन होता है किसी का तो कैंसर की संभावना बढ़ जाती है मगर कभी-कभार सीटी-स्कैन कराने से कैंसर हो जाएगा ये बात सच नहीं है।''
क्यों जरूरी है सीटी-स्कैन?
जिस तरह सीटी-स्कैन बेवजह कराना गलत है उसी तरह नहीं कराना भी गलत है जब आपको जरूरत है। सीटी-स्कैन कराने से आपको पता चल जाएगा कि इंफेक्शन कितनी तेजी से फेफड़ों में फैल रहा है और लंग्स का इनवॉल्वमेंट कितना है, और उसी हिसाब से आपका इलाज भी शुरू होगा। इसके बाद ही पता चलता है कि स्टेरॉयड देना है या फिर ऑक्सीजन देना है। वरना आपका ऑक्सीजन लेवल गिर सकता है और आप गंभीर बीमार हो सकते हैं, ऐसे में पहले ही गंभीरता पता करके इलाज शुरू किया जा सकता है।
क्या है सीटी वैल्यू?
इस बार के कोरोना में सीटी वैल्यू की काफी चर्चा हो रही है। लोगों के मन में ये सवाल भी है सीटी वैल्यू क्या है? सीटी-वैल्यू कम होने का मतलब होता है कि वायरस रेप्लिकेशन जल्दी हो रहा है, मगर सीटी वैल्यू का खास क्लिनिकली महत्व नहीं है, क्योंकि कई बार सीटी वैल्यू ज्यादा होने पर भी मरीज की हालत खराब रहती है