कोरोना वायरस के मामले भारत में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना को लेकर क्लीनिकल गाइडलाइन जारी की है जिसके अनुसार स्मेल और टेस्ट लेने की क्षमता का चले जाना कोरोना का लक्षण हो सकता है, लेकिन एक रिसर्च की गई जिसमें 2 लक्षण सामने आए है। कोविड -19 रोगियों के न्यूरोलॉजिकल लक्षणों की रिसर्च की गई जिसमें यह बात सामने आई कि बुखार और खांसी आने से पहले सिरदर्द और चक्कर की समस्या हो सकती है।
सिरदर्द, चक्कर आना, सतर्कता में कमी, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, गंध और स्वाद में समस्या, दौरे, स्ट्रोक, कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द आदि की समस्या हॉस्पिटल में एडमिट मरीजों में देखी गई।
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. इगोर कोर्लनिक के अनुसार, आम जनता और चिकित्सकों को इसके बारे में जानकारी होना महत्वपूर्ण है।
न्यूरो-संक्रामक रोगों और वैश्विक न्यूरोलॉजी के प्रमुख कोरलनिक ने भी कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू होने से पहले न्यूरोलॉजिक लक्षणों सामने आ सकते हैं। इससे पहले कि कोई बुखार, खांसी या श्वसन संबंधी समस्याएं हो'।
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कोरोना वायरस आपके मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और तंत्रिकाओं के साथ-साथ मांसपेशियों सहित पूरे तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि यह रोग कई अंगों (फेफड़े, गुर्दे और हृदय) को प्रभावित कर सकता है। मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी से या क्लॉटिंग विकारों से भी ग्रस्त हो सकता है जो इस्केमिक या रक्तस्रावी स्ट्रोक हो सकता है। इसके अलावा कोरोना वायरस मस्तिष्क और मेनिन्जेस के सीधे संक्रमण का कारण भी बन सकता है।
अंत में सीधे इम्यूनिटी सिस्टम पर अटैक करता है जिसके कारण मस्तिष्क और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इस रिसर्च में विभिन्न न्यूरोलॉजिकल स्टेज के बारे में बताया गया है जो कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों में देखे जा सकते हैं।
कोरालनिक ने जर्नल एनल्स ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक पेपर में कहा कि यह समझ इसके ट्रीटमेंट और क्लिनिकल मैनेनजमेंट समझना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
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वहीं दूसरी लेटेस्ट स्टडी अल्जाइमर रोग के जर्नल में प्रकाशित की गई जिसमें शोधकर्ताओं ने एक नई प्रणाली का प्रस्ताव दिया है जो वायरस द्वारा मस्तिष्क क्षति को तीन अलग-अलग चरणों में वर्गीकृत करता है।
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि कोविड -19 के साथ कई रोगियों में पहले से कोई ध्यान देने योग्य न्यूरोलॉजिकल लक्षण नहीं हो सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में, मरीज न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के साथ सामने आ सकता है। इससे पहले कि उन्हें बुखार, खांसी या सांस की तकलीफ हो।
अमेरिका में न्यूरोग्रो ब्रेन फिटनेस सेंटर के एक अध्ययन लेखक माजिद फोतुही ने कहा कि हम सीख रहे हैं कि अस्पताल में एडमिड कोरोना वायरस के मरीज की महत्वपूर्ण संख्या में मस्तिष्क दुर्बलता के विभिन्न डिग्री हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार, दो दर्जन मामलों की रिपोर्ट सामने आई जिसमें देखा गया कि मरीजों के दिमाग पर कोरोना वायरस का अधिक प्रभाव पड़ता है।
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वास्तव में, वुहान, चीन के एक अध्ययन से पता चला है कि गंभीर कोविड -19 बीमारी के अनुभव वाले 45 प्रतिशत रोगियों ने न्यूरोलॉजिकल कमियों को चिह्नित किया है।
फ्रांस के एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि कोरोना वायरस के साथ ICU के 84 प्रतिशत रोगियों की न्यूरोलॉजिकल परीक्षा पर सकारात्मक असामान्यताएं हैं। यह पता चला कि आईसीयू छोड़ने वाले 15 प्रतिशत रोगियों में अवशिष्ट "डाईसेक्सुअल फंक्शन" होता है, जिसमें निर्णय लेने और नियंत्रण के व्यवहार के साथ ध्यान देने में कठिनाई शामिल होती है।