रोशनी का पर्व दीवाली अपने साथ खुशियां और सुख-समृद्धि लेकर आता है। बड़े हों या बूढ़े सभी को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। लेकिन अस्थमा मरीजों को इस दौरान अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है क्योंकि जरा भी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है। ये बात तो हम सभी जानते हैं कि दीवाली पर पटाखों से होने वाला प्रदूषण हवा को जहरीला बना देता है। ऐसे में अगर सांस के मरीज खासतौर से अस्थमा पेशेंट कुछ बातों को ध्यान में रखेंगे तो परेशानी नहीं होगी। आइए जानते हैं 5 आसान टिप्स जिन्हें ध्यान में रखकर अस्थमा के मरीज भी बिना टेंशन त्योहार मना सकते हैं।
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दिवाली में अस्थमा के मरीज न करें लापरवाही, ध्यान में रखें ये 5 बातें
घर की सफाई के दौरान खुद को दूर रखें
दीवाली के कुछ दिन पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई शुरू कर देते हैं। अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो दीवाली पर होने वाली सफाई के दौरान खुद को दूर रखें। धूल-मिट्टी आपके लिए तकलीफदेह हो सकती है।
मास्क लगाए रखें
कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लोग मास्क का उपयोग करते आए हैं। ये प्रदूषण से भी काफी बचाव करता है। अस्थमा मरीजों को चाहिए कि दीवाली वाले दिन वो बिना मास्क के घर बाहर न निकलें।
बाहर निकलने से बचें
दीवाली पर पटाखों के कारण वायु प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए कोशिश करें कि आप ज्यादा से ज्यादा घर के अंदर ही रहें और खिड़की-दरवाजों को बंद रखें। अगर कुछ समय के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं तो मास्क जरूर लगाएं।
इनहेलर और दवाईयां साथ रखें
त्योहार के दिन कभी-कभी लोग जश्न में इतने डूब जाते हैं कि उन्हें इस बाद का भी ध्यान नहीं रहता कि छोटी से छोटी लापरवाही उनके सेहत पर भारी पड़ सकती है। अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो दीवाली पर इनहेलर और जरूरी दवाईयां साथ रखें।
भाप लें
पटाखों का धुआ सांस के मरीज़ों की परेशानी बढ़ा सकता है, इसलिए ऐसे लोग रोज़ाना गर्म पानी की भांप लें। ऐसा करने से आपके फेफड़े खुलेंगे और आपको सांस लेने में मदद मिलेगी। अगर भांप नहीं ले पा रहे हैं तो गर्म पानी की बोतल से सीने और पीठ की सिकाई करें।