देश में इस समय बाढ़ का कहर मचा है, जिसके कारण कई संक्रमण तेजी से फैल रहे हैं। लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई, केरल और दिल्ली में लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण (Leptospirosis Infection) के मामले सामने आए हैं। ये एक ऐसी बीमारी है जिसकी चपेट में किसी भी आयु वर्ग के लोग आ सकते हैं। लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया (leptospira bacteria) के कारण लेप्टोस्पायरोसिस फैलता है, यह बैक्टीरिया खरोंच, आंखों, नाक या मुंह के माध्यम से आपको इंफेक्टेड कर सकता है। यहां हम आपको बताएंगे लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण क्या है, इसके लक्षण और बचाव के तरीके।
लेप्टोस्पायरोसिस इंफेक्शन का कारण (What are the main causes of leptospirosis)
- बाढ़ के पानी में यह बैक्टीरिया हो सकता है।
- लेप्टोस्पायरोसिस एक जूनोटिक रोग है, जो जानवरों और मनुष्यों के बीच फैलता है।
- यह इंफेक्शन संक्रमित जानवरों के पेशाब से फैल सकता है।
- दूषित पानी आंख, नाक या मुंह में जाने से फैलता है।
- दूषित भोजन के कारण भी ये इंफेक्शन फैलता है।
लेप्टोस्पायरोसिस इंफेक्शन के लक्षण (What is leptospirosis and symptoms)
- लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण फ्लू जैसे होते हैं।
- इस इंफेक्शन में तेज बुखार आ सकता है।
- आंखें लाल नजर आ सकती हैं
- बुखार के अलावा सिर दर्द की समस्या होती है।
- संक्रमित व्यक्ति को ठंड लगती है।
- मांसपेशियों और पेट में दर्द उठता है।
- उल्टी और दस्त की समस्या भी हो सकती है।
लेप्टोस्पायरोसिस इंफेक्शन से बचाव के तरीके (How to prevent leptospirosis)
- लेप्टोस्पायरोसिस इंफेक्शन से बचने के लिए बाढ़ के पानी से दूरी बनाएं।
- लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमित जानवरों से दूर रहें।
- बच्चों को झीलों, नदियों और बाढ़ के पानी से दूर रखें।
- अगर कोई घाव है तो उसे हमेशा ढ़ककर रखें।
- साफ पानी पिएं और RO न होने पर पानी को उबालकर ही इस्तेमाल करें।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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