गैस और एसिडिटी में अंतर: ज्यादातर लोग जब गैस और एसिडिटी के शिकार होते हैं तो एक साथ इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि ये दोनों एक हैं और इनके लक्षण भी एक जैसे ही होते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है क्योंकि मेडकली ये दोनों ही टर्म बिलकुल अलग हैं और दोनों का इस्तेमाल अलग-अलग मेडिकल स्थितियों के लिए किया जाता है। इसके अलावा अगर आप समझें तो दोनों के लक्षण भी अलग हैं। तो, समझते हैं गैस और एसिडिटी के बीच का अंतर। फिर जानेंगे दोनों से बचने के उपाय।
गैस और एसिडिटी के बीच का अंतर-Difference between gas and acidity in hindi
एसिडिटी क्या है-What is acidity?
एसिडिटी (acidity) वह स्थिति है जिसमें शरीर पाचन के लिए जरूरी मात्रा से अधिक एसिड का उत्पादन करता है। एसिडिटी आमतौर पर सीने में जलन के साथ होती है। आमतौर पर एसिडिटी तभी होती है जब शरीर इस्तेमाल से ज्यादा एसिड प्रड्यूस करता है और शरीर में इसके तमाम लक्षण (acidity symptoms) नजर आने लगते हैं। जैसे,
-सीने और गले में जलन महसूस होना
-सूखी खांसी आना
- पेट फूलना
-सांसों में बदबू और खट्टी डकार होना।
साथ ही कभी-कभी उल्टी होना या अम्ल या खट्टे पदार्थ का निकलना इसके लक्षणों में शामिल है।
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गैस क्या है-What is gas?
जबकि गैस (Gas) कोलन में पैदा होती है और यह पाचन में सहायता करती है। एक औसत व्यक्ति दिन में लगभग 20 बार मलाशय या मुंह के माध्यम से गैस छोड़ता है। हालांकि, ज्यादा भोजन या मसालेदार भोजन खाने के कारण अतिरिक्त गैस उत्पन्न होती है या फंस जाती है, तो यह डकार के माध्यम से बाहर निकल जाती है। यह गैस हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं और कभी-कभी पेट में दर्द का कारण बन सकता है। साथ ही अगर यह गैस शरीर के किसी हिस्से में फंस जाए तो, पाचन तंत्र ही नहीं वो अंग भी सुचारू रूप से काम नहीं कर पाता है। गैस के लक्षणों (gas symptoms) में शामिल हैं
- पेट में ऐंठन
-दस्त और कब्ज
-उल्टी और मतली
-पेट की दायें हिस्से में दर्द
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गैस और एसिडिटी को रोकने के लिए क्या करें-Prevention Tips
एसिडिटी और गैस से बचने के लिए ज्यादा मसालेदार भोजन, कॉफी, कार्बोनेटेड पेय, एसिडिक और फैटयुक्त फूड्स के सेवन से बचें। नियमित 3 बार भोजन करें। इसे 5 छोटे भागों में विभाजित करें ताकि एक्सट्रा एसिड प्रोड्यूस न हो। खाने के बाद तुरंत न लेटें। कम से कम 2 घंटे का समय लें ताकि खाना वापिस फूड पाइप में वापिस न आ जाए। वजन कम करें। साथ ही एसिडिटी और गैस की समस्या में कमर और पेट के आसपास ढीले कपड़े पहनने की कोशिश करें क्योंकि इससे आसपास के क्षेत्रों में ये समस्या न बढ़े।