डायबिटीज देश-दुनिया में तेजी से फैलने वाली एक लाइलाज बीमारी है। इस बीमारी को केवल बेहतरीन लाइफ स्टाइल और हेल्दी डाइट से कंट्रोल किया जा सकता है। ब्लड शुगर ज़्यादा बढ़ जाए तो इससे शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है। डायबिटीज बढ़ने पर लोगों की आंखों पर भी बूरा प्रभाव पड़ता है। जी हां, ब्लड शुगर लेवल बढ़ने पर डायबिटीज के मरीजों को आंखों से जुड़ी डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) की समस्या हो सकती है। इस समस्या में लोग अंधेपन का शिकार भी हो सकते हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश स्थित अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल की नेत्र रोग एक्सपर्ट डॉ. अदिति शर्मा हमें बता रही हैं डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण क्या हैं और इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
क्या है डायबिटिक रेटिनोपैथी? (What is Diabetic Retinopathy)
मधुमेह से पीड़ित मरीजों में लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर होने से आंख से जुड़ी डायबिटिक रेटिनोपैथी की समस्या पैदा होती है। इस बीमारी में रेटिना (आंख को पीछे से रौशनी देने वाला एक सेंसिटिव टिशू) के ब्लड वेसेल्स प्रभावित होते हैं। इस वजह से आंखों की रोशनी कमजोर होती है। अगर सही समय पर उपचार न किया जाए तो आप अंधेपन का शिकार भी हो सकते हैं।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण? (Symptoms of Diabetic Retinopathy)
- धुंधला दिखाई देना
- रंगों को पहचान पाने में कठिनाईअस्थिर दृष्टि
- रेटिना में नई असामान्य रक्त वाहिकाएँ विकसित हो सकती हैं
डायबिटिक रेटिनोपैथी से कैसे करें बचाव? (How to prevent diabetic retinopathy)
डायबिटिक रेटिनोपैथी को रोकने के लिए सबसे ज़रूरी है अपनी लाइफ स्टाइल को मेंटेन करें। अपना बढ़ता हुआ ब्लड शुगर कंट्रोल करें। ब्लड शुगर की नियमित तौर पर जांच करें, हेल्दी डाइट लें साथ ही अपनी लाइफ स्टाइल में योग और एक्ससाइज़ को शामिल करें।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के लिए उपचार? (Treatment for Diabetic Retinopathy)
रेटिनोपैथी के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के लिए डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए। इन टेस्ट के दौरान नेत्र एक्सपर्ट रेटिना की बारीकी से जांच करने के लिए आंखों की जांच (dilated eye exams ) और रेटिना फोटोग्राफी (retinal photography) जैसी तकनीकों का उपयोग कर सकता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी के ट्रीटमेंट में आंख के से रक्त निकालने के लिए लेजर सर्जरी, इंजेक्शन, विट्रेक्टोमी की सहायता ले सकते हैं।