अगर आपका पेशाब खुल कर नहीं आ रहा और आपको लग रहा है कि ब्लैडर में हर समय थोड़ी-थोड़ी जलन हो रही है तो ये यूटीआई इंफेक्शन के लक्षण (UTI Infection Symptoms) हो सकते हैं। जी हां, भले ही आपको हैरानी हो लेकिन, यूटीआई आपको बीमार कर सकता है और आपके खाने-पाने से जुड़ी स्थतियों को प्रभावित कर सकता है। पर आपको समझना होगा कि आपको यूटीआई इंफेक्शन बार-बार (recurrent uti infection) क्यों होता है। क्या ये हमारे शरीर की गड़बड़ियों का संकेत है। तो, जानते हैं इन तमाम गड़बड़ियों का कारण।
बार-बार यूटीआई इन्फेक्शन का कारण-Causes of recurrent UTI Infection in Hindi
1. डायबिटीज
जब आपका ब्लड शुगर हाई होता है तो ये आपके पेशाब के जरिए बाहर आता है। इस दौरान ये ब्लैडर को प्रभावित करता है और इनके बैक्टीरिया को बढ़ाता है। इससे पेशाब में जलन हो सकती है, आपको बार-बार पेशाब लग सकता है पर असल में ये होता नहीं है और आपको ये लक्षण लंबे समय तक रहकर परेशान कर सकता है।
जावित्री खाने से मिलते हैं ये 5 बड़े फायदे, बीमारियों से बचने के लिए ऐसे करें सेवन
2. किडनी इंफेक्शन
किडनी में पथरी या किडनी इंफेक्शन यूटीआई होने के जोखिम को बढ़ाते हैं, क्योंकि वे मूत्र पथ को ब्लॉक कर सकते हैं और मूत्र का बैकअप ले सकते हैं, जिससे बैक्टीरिया को बढ़ने के लिए काफी समय मिलता है। इसलिए अगर इस स्थिति का आपको बार-बार सामना करना पड़ रहा है तो ये किडनी इंफेक्शन से जुड़ा हुआ हो सकता है।
3. लगाकार कब्ज की समस्या
कब्ज होने से आपके मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करना मुश्किल हो जाता है, जिसका मतलब है कि फंसे बैक्टीरिया को बढ़ने और संक्रमण पैदा करने के लिए बहुत समय मिलता है। दूसरी ओर, दस्त या मल असंयम से भी यूटीआई होने का खतरा बढ़ सकता है, क्योंकि ढीले मल से बैक्टीरिया आसानी से आपकी योनि और मूत्रमार्ग में अपना रास्ता बना सकते हैं। इसलिए जब भी आप बाथरूम का उपयोग करें तो आगे से पीछे तक पोंछें, लेकिन मल त्याग के बाद ऐसा करते समय विशेष रूप से सावधान रहें।
धमनियों में जमा कोलेस्ट्रोल को पिघला देगा ये 1 काम, बस रोजाना 30 मिनट तेज गति से करें
4. पीरियड्स के दौरान खराब हाइजीन
पीरियड्स के दौरान खराब हाइजीन आपको लंबे समय तक के लिए यूटीआई इंफेक्शन दे सकता है। ये आपको हर बार हो सकता है। इसलिए महिलाएं पहले को बहुत ज्यादा वजाइनल प्रोडक्ट्स का यूज न करें, दूसरा पीरियड्स के दौरान ज्यादा साफ-सफाई का ध्यान रखें और फिर बार-बार होते यूरिन इंफेक्शन से बचें। इसके अलावा दही और नारियल पानी का सेवन करें और बॉडी पीएच को बैलेंस करें।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)