Friday, June 28, 2024
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बढ़ते डिप्रेशन और चिंता का कारण घर-परिवार या नौकरी ही नहीं, इस विटामिन की कमी भी हो सकती है वजह

बढ़ते तनाव या चिंता का कोई न कोई कारण जरूर होता है। कई बार घर परिवार की टेंशन तो कई बार नौकरी की चिंता लोगों को डिप्रेशन की ओर धकेल देती है, लेकिन क्या आप जानते हैं शरीर में कुछ विटामिन और पोषक तत्वों की कमी भी इसका कारण हो सकते हैं।

Written By: Bharti Singh
Published on: June 26, 2024 7:32 IST
डिप्रेशन का कारण- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK डिप्रेशन का कारण

अक्सर लोगों को घर-परिवार या फिर नौकरी और रुपयों की टेंशन परेशान करती है। धीरे-धीरे चिंता इतनी बढ़ जाती है कि लोग डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। हालांकि सिर्फ यही नहीं शरीर में कुछ विटामिन और जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण भी आपको डिप्रेशन फील हो सकता है। ऐसा ही जरूरी विटामिन है ओमेगा-3 फैटी एसिड, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी होता है। ये ऐसा हेल्दी फैट है जो हमारे शरीर को हेल्दी रखने में अहम रोल प्ले करता है। ज्यादातर लोगों के शरीर में ओमेगा-3 की कमी पाई जाती है। शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड कम होने पर कई गंभीरियों का खतरा बढ़ जाता है। ओमेगा-3 की कमी से तनाव, चिंता और मूड डिसऑर्डर की समस्या बढ़ती है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से होने वाली बीमारी

  1. मूड डिसऑर्डर- शरीर में जब ओमेगा-3 फैटी एसिड कम होता है तो इससे न्यूरोट्रांसमीटर का उत्पादन प्रभावित होता है। जिसकी वजह से मूड और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। ओमेगा-3 की कमी होने पर डिप्रेशन, चिंता और दूसरे मूड डिसऑर्डर का खतरा बढ़ता है।

  2. हार्ट की बीमारी- ओमेगा-3 फैटी एसिड कम होने पर हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। खासतौर से ईकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए) हार्ट की बीमारियों में फायदा करता है। ओमेगा-3 की कमी से हाई ब्लड प्रेशर, एथेरोस्क्लेरोसिस और अनियमित हार्ट बीट की समस्या हो सकती है।

  3. कॉग्निटिव फंक्शन प्रभावित- शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड कम होने पर ब्रेन हेल्थ और कॉग्निटिव फंक्शन प्रभावित हो सकता है। इन फैटी एसिड की कमी के कारण कॉग्निटिव फंक्शन से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा रहता है। ऐसे लोगों को याददाश्त से जुड़ी परेशानी और डिमेंशिया जैसे तंत्रिका संबंधी रोग हो सकते हैं।

  4. सूजन संबंधी समस्याएं- ओमेगा-3 फैटी एसिड में सूजन-रोधी गुण पाए जाते हैं। इससे शरीर में सूजन को कम करने में मदद मिलती है। शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड कम होने पर क्रोनिक इंफ्लेमेशन की समस्या बढ़ सकती है। इससे रूमेटाइड अर्थराइटिस, आईबीडी और अस्थमा की मरीज परेशान हो सकते हैं।

  5. ड्राई आई सिंड्रोम- कुछ लोगों को आंखों में ड्राईनेस की समस्या बढ़ने लगती है। इसकी वजह भी शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी हो सकती है। ओमेगा-3 आंखों को स्वस्थ रखने और चिकनाई को बनाए रखने में मदद करता है। इससे आंखों का सूखापन कम होता है। 

 

 

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