जहां एक ओर लोग कोरोना वायरस के प्रकोप से परेशान हैं तो वहीं जानलेवा डेंगू भी अपने पैर पसारने लगा है। डेंगू के मच्छर के पनपने का यही सीजन है। इस मौसम में डेंगू मच्छर को पनपने के लिए अनुकूल वातावरण मिलता है। ऐसे में जरा सी भी चूक आपको डेंगू की चपेट में ला सकती है। ऐसे में आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि आखिर डेंगू मच्छर की पहचान कैसे करें। अगर आप भी डेंगू मच्छर की पहचान कर पाने में पीछे हैं तो ये खबर आपकी परेशानी दूर कर देगी। इस खबर में हम आपको ना केवल ये बताएंगे कि डेंगू मच्छर की पहचान कैसे करें बल्कि डेंगू के लक्षण और उससे बचने का उपाय भी बताएंगे।
ऐसे करें डेंगू मच्छर की पहचान
- डेंगू हर मच्छर के काटने से नहीं होता है
- डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है
- ये मच्छर दूसरे मच्छरों की तुलना में थोड़ा बड़ा होता है
- इस मच्छर का रंग स्याह होता है
- इस पर सफेद रंग की धारिया होती है
- एडीज मच्छर की दो प्रजातियां होती हैं लेकिन केवल मादा मच्छर के काटने से ही डेंगू होता है
- इस मच्छर की आयु केवल 14 से 21 दिन की होती है
- ये मच्छर सिर्फ दिन में ही काटता है
- मादा एडीज मच्छर साफ पानी में ही पनपता है
- इन मच्छरों की खासियत होती है कि ये ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाते हैं
इस तरह फैलता है डेंगू
डेंगू बुखार बहुत तेजी से चढ़ता है। अगर डेंगू मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो उससे शरीर में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। ये मच्छर व्यक्ति को काटते वक्त उससे शरीर का खून चूसता है। जब यही मच्छर किसी दूसरे व्यक्ति को काटता है तो उससे वायरस दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाता है। इस तरह दूसरा व्यक्ति भी डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।
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डेंगू के लक्षण
- ठंड लगने के बाद तेज बुखार आना
- सिर, जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन होना
- कमजोरी लगना
- खाने का मन नहीं करना
- गले में हल्का दर्द होना
- शरीर में खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर गुलाबी रंग के रैशेज होना
तुरंत दिखाएं डॉक्टर को, प्लेटलेंट्स गिरने से हो सकता है खतरा
इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और डेंगू का टेस्ट कराएं। डेंगू के बुखार में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगते हैं। इनका कम होना मरीज के लिए जानलेवा भी हो सकता है। दरअसल, प्लेटलेट्स बॉडी की ब्लीडिंग को रोकने का काम करते हैं। एक स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू के बुखार में ये प्लेटलेट्स कम होने लगती हैं। अगर ये प्लेटलेट्स एक लाख से कम हैं तो तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। अगर प्लेटलेट्स गिरकर 20 हजार से भी कम होने लगती है तो डॉक्टर्स प्लेटलेट्स भी चढ़ाते हैं।
डेंगू से बचने के उपाय
- इस बीमारी से बचने का सबसे अच्छा उपाय है अपने आसपास जलभराव न होने देना
- अगर आसपास पानी जमा हो तो उसमें मिट्टी भर दें। अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो उसमें मिट्टी के तेल की बूंदे डाल दें
- खुले पानी को न पीएं
- रात को सोते वक्त मच्छरदानी का इस्तेमाल करें या फिर मॉस्किटो रिफिल लगाएं
- फुल आस्तीन के कपड़े पहनें