भारत में जहां एक ओर कोरोना की रफ्तार धीमी हो गई हैं। वहीं दूसरी ओर डेंगू के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। पिछले कुछ सालों में डेंगू महामारी को काफी हद तक कंट्रोल कर लिया गया था। लेकिन इस साल डेंगू के नए स्ट्रेन के कारण मामलों में वृद्धि होती जा रही हैं।
ICMR के मुताबिक डेंगू के मरीजों में अब डी-2 स्ट्रेन (DENV-2) पाया जा रहा है जो सबसे ज्यादा खतरनाक है। यह मरीजों के लिए काफी घातक है। एक्टपर्ट्स के मुताबिक डेंगू वायरस सीरोटाइप 2 (DENV-2 या D2) को सबसे अधिक विषैला स्ट्रेन माना जाता है। इसके मरीज जल्दी ही गंभीर अवस्था में पहुंच जाते हैं। जानिए डेंगू के इस नए स्ट्रेन के लक्षणों के बारे में।
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क्या है डेंगू का नया वेरिएंट डी-2?
दिल्ली के साथ-साथ महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा सहित कई प्रदेशों में डेंगू का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। डेंगू को चार रूपों में आकार लेने के लिए जाना जाता है। D1, D2, D3 और D4। वहीं DENV-2 में कई ऐसी विशेषताएं हैं जो इसे खतरनाक बना देती है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव के अनुसार सामान्य डेंगू की तरह इस स्ट्रेन से ग्रसित मरीजों में बुखार और दूसरे लक्षण देखे जा रहे हैं। DENV संक्रमण कभी-कभी तेजी से फ्लू की तरह फैलता है जिसकी वजह से मरीजों की संख्या बढ़ सकती है और इसकी वजह से मौत का खतरा भी बढ़ जाता है।
डेंगू के नए स्ट्रेन डी-2 के लक्षण
रक्तस्त्राव होना
डी2 मरीजों के लिए तब खतरनाक हो जाता है जब डेंगू का बुखार बढ़ जाने के कारण शरीर के अंदर और बाहर रक्तस्त्राव हो जाए। डेंगू में रक्त धमनियों में रक्तस्राव होने के कारण ही इसे हैमरहेजिक फीवर के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में डेंगू से पीड़ित मरीज के कान, नाक, मसूढ़े आदि से खून आने लगता है।
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तेजी से प्लेटलेट्स गिरना
डेंगू की समस्या में प्लेटलेट्स गिरना आम लक्षण है। लेकिन डेंगू के नए स्ट्रेन के शिकार व्यक्ति की प्लेटलेट्स बहुत तेजी से गिरने लगती है। ऐसे में अगर इलाज सही समय पर न मिला तो इम्यून सिस्टम खराब हो जाता है। ऐसे में शरीर अधिक कमजोर हो जाता है और व्यक्ति के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं।
शॉक सिंड्रोम
यह डेंगू का दूसरा और तीसरा स्टेज माना जाता है। जब मरीज का बुखार कई दिन तक नहीं उतरता है तो इस स्टेज की शुरुआत होती है। इस नए स्ट्रेन के कारण होंठों का रंग नीला पड़ जाता है। त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं, जिसके कारण मरीज की नब्ज बहुत धीमे चलने लगती है। इसमें मरीज का तंत्रिका तंत्र खराब होने लगता है और वह लगभग सदमे की हालत में आ जाता है। इसी कारण इसे डेंगू शॉक सिंड्रोम कहते हैं।
तेजी से ब्लड प्रेशर बढ़ना
डेंगू के नए स्ट्रेन डी-2 के कारण अक्सर प्लेटलेट्स तेजी से गिरने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। अगर आपको ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं है और अचानक से बढ़ने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
तेज बुखार आना
डेंगू के नए स्ट्रेन से पीड़ित मरीज को बहुत तेज बुखार आता है। बुखार का तापमान 105 डिग्री तक पहुंच जाता है। अगर बुखार लगातार बढ़ रहा हैं तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।