केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board data) के आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, दिल्ली 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर (Delhi Is India’s most polluted city) था। यहां साल भर प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 और इससे अधिक था। लेकिन, क्या आप सेहत के लिहाज से इनके मायने समझते हैं? दरअसल, PM 2. 5 यानी 2.5 माइक्रोमीटर से कम के कण जो कि फेफड़े में गहराई से प्रवेश कर सकते हैं, एल्वियोली के दीवारों (alveolar wall) में जलन पैदा कर सकते हैं। ये फेफड़ों के काम काज को खराब कर सकते हैं और खून में मिल कर शरीर को गंभीर बीमारियां दे सकते हैं। कैसे, जानते हैं।
बढ़ता प्रदूषण घातक बीमारियों को न्योता-Health hazards of air pollution in hindi
वायु प्रदूषण बढ़ने से आम आदमी सबसे ज्यादा इन घातक कणों के शिकार हो सकते हैं जैसे कि कार्बन मोनोआक्साइड जो कि फेफड़ों और दिमाग के लिए जहर की तरह काम करता है। दूसरा नाइट्रोजन आक्साइड जो कि खून में मिल कर आपके शरीर के गंभीर अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा ओजोन और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी चीजें भी सेहत को नुकसान पहुंचाती है।
वायु प्रदूषण के कारण होने वाले रोग-Disease caused by air pollution
1. निमोनिया-Pneumonia
निमोनिया एक संक्रमण है जो एक या दोनों फेफड़ों में हवा की थैली को फुला देता है। हवा की थैलियां द्रव या मवाद से भर सकती हैं, जिससे कफ या मवाद के साथ खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। बैक्टीरिया, वायरस और फंगस सहित विभिन्न प्रकार के जीव निमोनिया का कारण बन सकते हैं।
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2. अस्थमा-Asthma
अस्थमा फेफड़ों से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसे वायु प्रदूषण ट्रिगर कर सकता है। इसके वायुमार्ग में सूजन आ जाती हैं और फेफड़ों में एक्ट्रा बलगम बनने लगता है। इससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
3. क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज-COPD
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) एक क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी लंग डिजीज है जो फेफड़ों से वायु के प्रवाह को बाधित करती है। इसके लक्षणों में आप सांस लेने में कठिनाई, खांसी, बलगम उत्पादन और घरघराहट महसूस कर सकते हैं।
4. फेफड़ों में इंफेक्शन और कैंसर-Lung Infection and Lung Cancer
फेफड़ों में इंफेक्शन और कैंसर, दोनों ही पीएम 2.5 के प्रदूषित कणों के कारण हो सकता है। ये असल में फेफड़ों में क्रोनिक इंफेक्शन पैदा करके इंफेक्शन और कैंसर का कारण बन सकता है।
5. कार्डियो वैस्कुलर रोग-Cardiovascular Disease
कार्डियो वैस्कुलर रोग, असल में 4 प्रकार के रोग आते हैं जो कि धमनियों, हाई बीपी और स्ट्रोक की वजह से हो सकता है। इसमें आपको कोरोनरी धमनी रोग, स्ट्रोक और महाधमनी वाल्व रोग हो सकता है।
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6. आंखों से जुड़ी बीमारियां-Eye diseases
आंखों में सूखापन, कंजक्टिवाइटिस और आंखों की एलर्जी-खुजली, लालिमा, स्राव, पलकों में सूजन, और दृष्टि का धुंधलापन प्रदूषण के कारण आंखों पर पड़ने वाले स्वास्थ्य प्रभावों में से कुछ हैं। लंबे समय तक प्रदूषित शहरों में रहने से ये दिक्कतें बढ़ने लगती हैं।
7. सूजन और दर्द Chronic inflammation and Pain
प्रदूषण के कण आपको गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनकी वजह से आपको सूजन और दर्द हो सकता है जो कि लंबे समय तक के लिए रह सकता है। तो, आने वाले सालों में दिल्ली में इन रोगों का खतरा ज्यादा हो सकता है।