गर्मी ने इस साल 121 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वाकई गर्मी बहुत बढ़ गई है। मौसम विभाग की मानें तो राजधानी में अगले 10 दिन आसमान से आग बरसेगी। इस दौरान लू भी भयंकर चलेगी इसलिए लोगों को गर्मी से बचाने के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है। कड़ी धूप में पीक आवर में बाहर न निकलने और प्यास न लगने पर भी पानी पीते रहने की सलाह दी गई है।
पानी न पीने से बॉडी डिहाइड्रेट होगी जिसका सीधा असर इंटेस्टाइन पर पड़ेगा, जिससे कॉन्स्टिपेशन की समस्या होने लगती है। डिहाइड्रेशन से पेट की तमाम परेशानियां होने लगती हैं। लेकिन लोग भूल जाते हैं कि सारी गंभीर बीमारियों की शुरुआत ख़राब हाजमे से ही होती है। पेट की मामूली लगने वाली ये गड़बड़ी अल्सर और कोलाइटिस का रूप ले सकती है।
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इनडाइजेशन से बॉडी में प्रोटीन, न्यूट्रिशन और फैट की डिफिशिएंसी हो जाती है और अगर ज्यादा वक्त तक इग्नोर किया जाए तो कोलन कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। एक स्टडी के मुताबिक, देश में पहले ही 22% एडल्ट यानि हर चौथा शख्स पेट की परेशानी लेकर घूम रहा है। ऐसे में अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी घातक बीमारी से पेट को बचाना जरूरी है।
इसके लिए क्या करना होगा आइए जानते हैं स्वामी रामदेव से।
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए प्रणायाम
कपालभाति
रोजाना कपालभाति करने से आपके नर्वस सिस्टम के न्यूरॉन ठीक ढंग से काम करेंगे। जिससे आपको मिर्गी की समस्या नहीं होगी। इसके लिए रोजाना 10-15 मिनट कपालभाति करे। कपालभाति प्राणायाम के लिए रीढ़ की हड्डी को सीधा करके पद्मासन पर बैठ जाए। अगर आप जमीन में नहीं बैठ सकते हैं तो कुर्सी पर बैठे सकते है। सबसे पहले अपनी नाक के दोनों छिद्रों के माध्यम से एक गहरी श्वास लें। साथ ही पेट को भी अंदर की और बहार की ओर धकेले। इस प्रकिया को बार-बार दोहराएं।
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अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 15 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं। इस आसन को करने से तनाव को कम करता है। कफ से संबंधित समस्या को दूर करता है। मन को शांत करता है जिससे एकाग्रता बढ़ती है। दिल को स्वस्थ रखता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है।
भ्रस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस लें और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें। इस आसन को रोजाना 5-10 मिनट करें। इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी, लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है।
शीतली प्राणायाम
सबसे पहले आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बार निकालें। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं। इस आसन को करने से मन शांत होगा, तनाव, हाइपरटेंशन के साथ-साथ एसिडिटी से निजात मिलेगा। अगर आपको गुस्सा अधिक आता है ये प्राणायाम काफी कारगर हो सकता है।
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शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें। इस आसन को करने से तनाव, हाइपरटेंशन से निजात मिलता है। इसके साथ ही अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती है।
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए करें ये योगासन
सर्वांगासन
- दिल तक शुद्ध रक्त पहुंचता है
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
- याद की हुई चीजें भूलते नहीं
- ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर
- आंखों पर चश्मा नहीं चढ़ेगा
- थायराइड ग्लैंड एक्टिव होता है
- हाथ-कंधे मजबूत बनते हैं
- ब्रेन को पर्याप्त ब्लड मिलता है
- हार्ट मसल्स एक्टिव होता है
वक्रासन
- फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाए
- शरीर को लचीला बनाए
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत करे
- पीठ, बाहों को बनाए मजबूत
गोमुखासन
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है
- पीठ का दर्द दूर हो जाता है
- फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन
- पेट संबंधी समस्या दूर होती है
- गैस और कब्ज से राहत मिलती है
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
- सर्वाइकल ,पेट दर्द, गैस्ट्रिक, कमर दर्द में फायदेमंद
- गुर्दे, अग्नाशय, लीवर सक्रिय होते हैं
पवनमुक्तासन
- फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है
- पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- शरीर को लचकदार बनाता है
- सीने को चौड़ा करने में सहायक
- शरीर के पॉश्चर को सुधारता है
- थकान, तनाव, चिंता दूर करता है
- दृढ़ इच्छाशक्ति का विकास करता है
- लिवर-किडनी की समस्या में लाभकारी
उत्तानपादासन
- फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी
- किडनी को स्वस्थ रखता है
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
- पेट की चर्बी को दूर करता है
- मोटापा कम करने में मददगार
- हृदय को सेहतमंद रखता है
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है
- रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है
लिवर के लिए आयुर्वेदिक उपचार
- लीवर के लिए सर्वकल्प क्वाथ या काढ़ा पिएं
- लिवोग्रित और लिवामृत 2-2 गोली लें लें
- सुबह-शाम खाली पेट लें
- जीरा, धनिया, मेथी का पानी
कैसा हो खानपान ?
- जंक फूड न खाएं
- तली-भुनी चीजें न खाएं
- खाने में अचार न लें
जॉइन्डिस के लिए औषधि
- अरंड के पत्ते का रस लें
- श्योनाक की छाल का ताजा रस
घर से बाहर निकलें तो डिहाइड्रेशन से ऐसे करें बचाव
- एक प्याज खाकर रखें और एक साथ रखें
- मिस्सी रोटी जो जौ, गेहूं और चने से बना हो
धूप और गर्म हवा को स्किन को कैसे बचाएं
- एलोवेरा जेल लगा लें
- एलोवेरा में गुलाब की पंखुडियों को मिलाकर लगाएं
- एलोवेरा और नीम का पेस्ट लगाएं