सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। ठंडी हवाएं और सुबह के समय धुंध और दिन में हल्की धूप... हम में से कई लोगों के लिए ये खुशगवार भी हो सकता है, लेकिन कई ऐसे भी हैं, जिनके लिए सर्दी के तीन महीने बहुत ही कष्टकारी होते हैं, क्योंकि ये लोग एलर्जी के शिकार होते हैं। मौसम बदलने की वजह से लोगों में सांस फूलना, छींके आना, आंखों से पानी निकलना, बुखार आना, गले में खराश और स्किन पर रैशेज की शिकायत होने लगती है। कई लोगों की तो हाथों और पांव की उंगलियां तक सूज जाती है। अगर आप भी इन परेशानियों से जूझ रहे हैं तो आपको अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। स्वामी रामदेव ने दावा किया है कि योग और आयुर्वेद की मदद से एलर्जी की समस्या को जड़ से मिटाया जा सकता है।
एलर्जी के लक्षण:
- बार-बार छींक आना
- सिर भारी होना
- नाक बंद होना
- साइनस
- आंखें लाल होना
- आंखों से पानी आना
- खांसी
- खुजली
- स्किन पर दाने
- गले में खराश
एलर्जी के लिए कारगर योगाभ्यास:
- ताड़ासन
- तिर्यक ताड़ासन
- कटि चक्रासन
- तिर्यक भुजंगासन
- अर्ध मत्स्येंद्रासन
- भुजंगासन
- कोणासन
- बद्धकोणासन
- पादहस्तासन
- मत्स्यासन
- विपरीत करनी
- शवासन
यौगिक जॉगिंग के लाभ: एलर्जी कंट्रोल करने में बेहद मददगार होता है। शरीर से फैट कम करके लचीला बनाता है। हाथ की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है। जांघ की मांसपेशियों को फायदा पहुंचाता है। डायबिटीज दूर करने में मददगार है।
सूक्ष्म व्यायाम के लाभ: शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है। शरीर में थकान नहीं होती है। कई तरह के दर्द से राहत मिलती है। ऊर्जा और स्फूर्ति का संचार होता है। बॉडी को एक्टिव करता है।
एलर्जी के लिए कारगर प्राणायाम:
- भस्त्रिका
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- कुंभक या श्वांस रोकन
- उज्जायी
- उद्गीथ
भस्त्रिका के फायदे: तनाव और चिंता दूर होती है। वजन घटाने के लिए बहुत कारगर है। दिल को स्वस्थ रखने में कारगर है। अस्थमा के रोग को दूर करता है। सांस की समस्या से मुक्ति मिलती है। शुगर को कंट्रोल करने में मददगार है। लिवर और किडनी की मसाज होती है। प्रोस्टेट रोग में लाभ मिलता है। नाक और सीने की समस्या दूर होती है।
कपालभाति के फायदे: इससे बंद सांस नली खुल जाती है। सेहत अच्छी बनी रहती है। मजबूत बॉडी के लिए फायदेमंद है। शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।
अनुलोम विलोम से फायदे: स्ट्रेस दूर होता है। सांस का लेना आसान हो जाता है। नर्व मजबूत, शरीर के ब्लड फ्लो में सुधार। शरीर को टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।
उज्जायी प्राणायाम के फायदे: दिमाग को शांत रखता है। शरीर में गर्माहट आती है। ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है।
सूर्य नमस्कार के फायदे: फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है। शरीर को ऊर्जा मिलती है। पाचन तंत्र बेहतर होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
ताड़ासान के फायदे: बॉडी को एक्टिव करता है। शरीर को लचीला बनाता है। थकान, तनाव और चिंता दूर होती है।
त्रिकोणासन के फायदे: गर्दन, पीठ, कमर और पैर मजबूत होते हैं। शरीर का संतुलन ठीक रहता है। पाचन प्रणाली ठीक होती है।
पादहस्तासन के फायदे: अस्थमा की बीमारी में बहुत कारगर है। फेफड़ों को स्वस्थ बनाता है। सांस संबंधी दिक्कत दूर होती है।
चक्रासन के फायदे: पाचन तंत्र को ठीक रखता है।
वृक्षासन के फायदे: पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। फ्लैट फीट की समस्या से राहत मिलती है।
भुजंगासन के फायदे: छाती चौड़ी होती है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है। मोटापा कम करने में सहायक है। तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर करता है। किडनी को स्वस्थ बनाता है।
फेफड़ों को बनाएं मजबूत:
- कच्ची हल्दी को दूध में पकाएं।
- हल्दी दूध में शिलाजीत मिलाएं।
- रोजाना हल्दी दूध पीना फायदेमंद होता है।
एलर्जी से बचाव:
- गर्म सरसों के तेल से हथेली पर मसाज करें।
- गर्म सरसों के तेल को दोनों कानों के ऊपरी हिस्से में लगाएं।
- गर्म तेल से मसाज करें।
- नाभि में 2-3 बूंद सरसों का तेल लगाएं।
- नाक में भी 2 बूंद सरसों का तेल डालें।
- रात में पानी में लौंग डालकर उबाल लें।
- लौंग का पानी पीने के बाद ही सोएं।
- सरसों के तेल को गर्म करके तलवों पर लगाएं।
एलर्जी में फायदेमंद:
- श्वसारि खाली पेट दो गोली सुबह शाम लें।
- लक्ष्मी विलास और संजीवनी खाने के बाद लें।
- अस्थमा के लिए स्वर्ण बसंत मालती लें।
लंग्स को बनाएं मजबूत:
- सुबह-शाम श्वासारि क्वाथ पिएं।
- सुबह उठकर हर्बल टी पिएं।
- रात में दूध, हल्दी और शिलाजीत पिएं।
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए:
- श्वासारि क्वाथ
- अश्वशिला
- च्यवनप्राश
- शहद
- एलोवेरा जूस
- गिलोय जूस
स्किन एलर्जी के उपाय:
- एलोवेरा का इस्तेमाल करें।
- नीम का इस्तेमाल करें।
आंख की एलर्जी:
- ठंडे पानी से आंखों को धोएं।
- आंखों में गुलाब जल डालें।
- आंखों को धूप के चश्मे से ढकें।
- खीरा काटकर आंख पर रखें।
एलर्जी में सावधानी:
- दही, अचार, ठंडा पदार्थ, खट्टी चीजें न खाएं।
- रात में मूली और सलाद का सेवन न करें।
- हर मौसम में गर्म पानी ही पिएं।