योगगुरु स्वामी रामदेव हमेशा कहते हैं कि शरीर में गति है तो प्रगति है और जहां गति नहीं वहां दुर्गति है। इसलिए लोगों को फिजिकली एक्टिव रहने की कोशिश करनी चाहिए। दरअसल लाइफस्टाइल बिगड़ने की वजह से बीमारियां भी बढ़ रही हैं। WHO का इशारा भी इसी तरफ है। लोगों ने अगर वर्कआउट शुरू नहीं किया और खान-पान के पैटर्न को ठीक नहीं किया तो 2030 तक क्रॉनिक लाइफ स्टाइल बीमारियों की वजह से 70% जान जा सकती है।
ICMR की जो ताजा रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक तो इस वक्त भी 61% जान जाने की वजह नॉन कॉम्यूनिकेबल डिजीज हैं। उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों में जहां शुगर, बीपी, स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं तो वहीं दक्षिण भारत में मोटापे के साथ ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर विकराल रूप ले रहा है। बेशक मॉर्डन मेडिकल साइंस काफी तरक्की कर गई है और हेल्थ फैसिलिटीज भी दिनों-दिन बेहतर हो गई हैं लेकिन ये भी एक सच है कि लोग पहले से ज्यादा बीमार हो रहे हैं। रोगों से लड़ने की क्षमता दिनों-दिन कम हो रही है। इसलिए योगिक लाइफ स्टाइल जीना, रोजाना समय निकालकर योग कर पसीना बहाना जरूरी है वरना हॉस्पिटल जाने की नौबत आ सकती है।
सेहत का रखें ख्याल
वक्त पर खाना खाएं
हेल्दी डाइट लें
वजन कंट्रोल रखें
रोज वर्कआउट करें
क्या कहता है WHO?
वर्कआउट से 80% क्रोनिक बीमारी का रिस्क कम
क्रोनिक डिजीज से बढ़ी डॉक्टर्स की चिंता
लाइफ स्टाइल रोगों से 2030 तक 70% मौत
ICMR की रिपोर्ट
देश में 61% मौत की वजह लाइफ स्टाइल की बीमारी
रोगों के जाल से हो जाएं सावधान
शुगर
बीपी
स्ट्रोक
मोटापा
ओरल कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर
सर्वाइकल कैंसर
हरियाली तीज पर करें योग
बीमारियों से मुक्ति
कंसंट्रेशन बढ़ता है
बॉडी एक्टिव रहती है
मन खुश रहता है
स्ट्रेस कम होता है
दिमाग तेज चलता है
कैसे कंट्रोल होगी शुगर?
खीरा-करेला-टमाटर का जूस लें
गिलोय का काढ़ा पीएं
मंडूकासन-योगमुद्रासन फायदेमंद
15 मिनट कपालभाति करें
हार्ट को बनाएं मजबूत
1 चम्मच अर्जुन की छाल
2 ग्राम दालचीनी
5 तुलसी
उबालकर काढ़ा बनाएं