सोशल मीडिया पर पूर्व क्रिकेटर और कोच संजय बांगर के बेटे आर्यन का एक वीडियो वायरल हो रहा है। ये वीडियो आर्यन बांगर का है जिसमें वो लड़का से लड़की बनने की अपनी जर्नी के बारे में बात कर रहे हैं। आर्यन जो अब अनाया बन गए हैं उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपने 9 महीने के हार्मोनल ट्रांसफॉर्मेशन के बारे में बताया है। उन्होंने बताया कि 10 महीने पहले वो लड़के थे लेकिन अब वो एक लड़की बन गए हैं। अब उन्होंने अपना नाम आर्यन से अनाया कर लिया है। आर्यन लंदन में रहते हैं और वो भी अपने पिता की तरह क्रिकेट खेलते हैं और उन्हें क्रिकेट से बहुत प्यारहै।
अपने पोस्ट में आर्यन ने लिखा है 'मैंने कभी भी उस खेल को छोड़ने पर विचार नहीं किया जो मेरा जुनून, मेरा प्यार और मेरा पलायन रहा है। लेकिन यहां मैं एक दर्दनाक हकीकत का सामना कर रहा हूं। हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) के दौरान एक ट्रांस महिला के रूप में, मेरे शरीर में काफी बदलाव आया है। मैं अपनी मांसपेशियों, ताकत, मसल्स की मेमोरी और एथलेटिक क्षमताओं को खो रहा हूं, जिन पर मैं कभी भरोसा करता था। जिस खेल से मैं लंबे समय से प्यार करता था, वह मुझसे दूर होता जा रहा हैा'
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी क्या है?
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) एक ऐसा ट्रीटमेंट है जिसका उपयोग डॉक्टर आमतौर पर मेनोपॉज के लक्षणों को ठीक करने के लिए करते हैं। इससे शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल को बैलेंस करने में मदद मिलती है। आर्यन के केस की तरह जन्म के समय लिंग में बदलाव करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है। हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी दो तरह की होती है। फेमिनाइजिंग और विरिलाइजिंग हार्मोन थेरेपी। जब कोई पुरुष हार्मोन से महिला में बदलता है तो इसके लिए फेमिनाइजिंग थेरेपी दी जाती है।
फेमिनाइजिंग हार्मोन थेरेपी में क्या बदलाव आते हैं
फेमिनाइजिंग हार्मोन थेरेपी के जरिए किसी भी पुरुष के अंदर बदालव करके उसके अंदर महिला वाले हार्मोंस पैदा किए जाते हैं। इस थैरिपी से मर्दाना विशेषताओं को कम किया जाता है। एस्ट्रोजन और एंड्रोजन ब्लॉकर्स का उपयोग किया जाता है। जिससे चेहरे बाल हटाने, आवाज में बदलाव और ब्रेस्ट डेवलमेंट में मदद मिलती है।
फेमिनाइजिंग हार्मोन थेरेपी के नुकसान
इस तरह की थेरिपी से शरीर में बदलाव तो आ जाते हैं लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट्स भी झेलने पड़ सकते हैं। कई रिसर्च में ये पता चला है कि इस थेरिपी से प्रजनन क्षमता और यौन क्रिया पर असर पड़ता है। कई बार इससे कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। इस तरह के केस में डोमेट्रियल, ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)