विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने SARS - CoV-2 वायरस के EG.5 स्ट्रेन को 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' कहा है। हालांकि, WHO की तरफ से कहा गया है कि यह अन्य स्ट्रेन की तुलना में स्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं है। फिलहाल ओमिक्रॉन EG 5 यानी एरिस के मामले संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और चीन में सबसे ज्यादा आ रहे हैं। कोरोना का यह नया स्ट्रेन दक्षिण कोरिया, जापान और कनाडा समेत कई अन्य देशों में भी पाया गया है। बता दें कि कोविड-19 ने दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ली है और करोड़ों लोग इससे संक्रमित हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना के नए वेरिएंट का पहला केस भारत में मई के महीने में आया था लेकिन इसके ज्यादा मामले अब तक सामने नहीं आए हैं। हालांकि, महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना पैर पसार रहा है। आइए जानते हैं कोरोना के नए वेरिएंट के लक्षण और बचाव के तरीके।
'एरिस' (Eris) वायरस के लक्षण (Symptoms of 'Eris' virus)
कोविड-19 के पुराने वेरिएंट्स की तरह ही नए वेरिएंट के लक्षणों में भी गले में खराश, नाक बहना, बंद नाक, छींक आना, खांसी और सिरदर्द की समस्या रहती है। हालांकि इस बार सांस लेने में दिक्कत, ऑक्सीजन की कमी होने जैसी समस्याएं कम देखने को मिली हैं।
'एरिस' (Eris) वेरिएंट से बचाव के तरीके
कोरोना की वैक्सीन लगवाएं और अपने हाथों को साबुन या सेनिटाइजर की मदद से साफ रखें। इसके अलावा बाजार, मॉल जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। बच्चों, बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों का खास ख्याल रखें। घर से बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग करें और हाथों से बार-बार चेहरे को न छुएं।
कोरोना के नए वेरिएंट का इलाज
कोविड के पुराने वेरिएंट्स की तरह ही 'एरिस' वेरिएंट में भी इलाज के दौरान घर में आसोलेशन में रहना होगा और खानपान का खास ख्याल रखना होगा। बुखार आने पर डॉक्टर के परामर्श पर पैरासिटामॉल और एंटी-एलर्जिक दवाइयां ले सकते हैं। इसके अलावा मास्क पहनकर रहें और जब तक रिपोर्ट नेगेटिव न आ जाए तब तक दूसरों से मिलने से बचें।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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