देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की है। जिसमें बताया गया है कि कोरोना के बिना लक्षण और कम लक्षण वाले लोगों को खुद का कैसे इलाज करना है।
- नई गाइडलाइन्स में कहा गया है कि होम आइसोलेशन वाले मरीज को हमेशा डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। अगर आपको ज्यादा गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे। इसके साथ ही अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो डॉक्टर की सलाह के साथ उस दवा को खाते रहे।
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- कोरोना से संक्रमित हुए मरीज को शुरुआत में ही नाक बहने की समस्या, खांसी और बुखार के लक्षण नजर आने लगते है। इसे में उसे दवा खाने के साथ-साथ गर्म पानी से गरारा और दिन में कम से दो बार भाप जरूर लेना चाहिए।
- कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को अच्छी तरह हवादार कमरों में रखा जाना चाहिए। जिससे उन्हें ताजी हवा मिलती रहे।
- नई गाइडलाइन में सलाद दी गई है कि अगर दिन में चार बार पैरासीटामोल (650 mg) लेने पर भी बुखार नहीं उतर रहा है तो मरीज तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। जिसके बाद डॉक्टर आपको नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लामेटरी दवा जैसे कि नेप्रोक्सेन (250 mg ) दिन में दो बार लेने की सलाह दे सकता हैं। इसके अलावा डॉक्टर आपको 3 से 5 दिनों के लिए आइवरमेक्टिन टैबलेट लेनी की सलाह दे सकता है।
- अगर व्यक्ति को बुखार के साथ कफ की अधिक समस्या हो तो वह 800 एमसीजी बुडेसोनाइड का इनहेलेशन ले सकता है। यह दवा 5-7 दिनों के लिए दिन में दो बार इनहेर के रूप में ली जा सकती है।
- संक्रमित मरीज को हर समय एक ट्रिपल-लेयर मेडिकल मास्क पहनना चाहिए। इसके साथ ही हर 8 घंटे बाद मास्क को हटा देना चाहिए, क्योंकि यह गीली हो जाता है। इसके साथ ही जो व्यक्ति कोरोना संक्रमित मरीज की देखभाल कर रहा है वह कमरे में प्रवेश करने से पहले N-95 मास्क जरूर लगा लें।
- गाइडलाइन में लोगों को सलाह दी गई कि कोरोना के मरीजों को रेमडेसिविर दवा घर पर नहीं लेनी चाहिए। रेमडेसिविर दवा सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर या फिर हॉस्पिटल में ही उपलब्ध होगी।
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