कोरोना वायरस देश सहित दुनियाभर में से तेजी से बढ़ता जा रहा है। कोरोना का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर होता है। कई मामले ऐसे सामने आ रहे हैं जिसमें कोरोना वायरस के लक्षण साफ नजर आ रहे हैं को कई लोगों को कोई भी लक्षण न आने के बावजूद वह पॉजिटिव आ रहे हैं। इसके साथ ही कई कोरोना से संक्रमित लोगों को आंखों संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
आमतौर कोरोना वायरस के लक्षण सामने आने पर 2 से 14 दिन कर लग जाते हैं। इसमें बुखार, सिरदर्द, गले में दर्द, सांस लेने में समस्या होना जैसे कई आम लक्षण नजर आते है। ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या कोरोना वायरस का असर आंखों पर भी पड़ता है।
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पीआईबी बिहार ने ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी। नई दिल्ली में स्थित आरएमएल हॉस्पिटल के डॉक्टर ए के वार्ष्णय के अनुसार कोरोना वायरस मुख्य रूप से सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करता है और ज्यादातर केस माइल्ड होते हैं। वायरस सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है। लेकिन कुछ ऐसे केस भी सामने आ रहे हैं जिनमें नर्वस सिस्टम को भी प्रबावित किया है, जो मस्तिष्तक में ऑक्सीजन की कमी या क्लाटिंग से होता है। जिसके कारण आंख में कंजक्टिवाइटिस हो सकती है। जिससे आंखों की झिल्ली में धुंधलापन बो जाता है। इसके साथ ही सुनने में भी परेशानी होती है। लेकिन आपको बता दें कि ऐसे केस बहुत ही कम आए है।
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कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को जल्दी-जल्दी सांस लेनी पड़ सकती है। इस कारण थकान महसूस होती है। अपने इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है। इसके अलावा ऑक्सीजन लेवल पर विशेष निगरानी करने की जरूरत है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने वालों को समय-समय पर ऑक्सीजन स्तर की जांच करते रहना चाहिए। इस पर निगरानी बहुत जरूरी है।
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