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इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ कोरोना से कैसे लड़ेगी कोरोनिल?, स्वामी रामदेव से जानिए हर सवाल का जवाब

स्वामी रामदेव ने कोरोनिल को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी सफाई दी। स्वामी रामदेव ने कहा कि अब ये दवा बिनी किसी अड़चन के पूरे देश में मिलेगी।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: July 01, 2020 13:51 IST
इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ कोरोना से कैसे लड़ेगी कोरोनिल?, स्वामी रामदेव से जानिए हर सवाल का जवाब। - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ कोरोना से कैसे लड़ेगी कोरोनिल?, स्वामी रामदेव से जानिए हर सवाल का जवाब। Update

पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस की महामारी का सामना कर रही है। भारत में भी इस बीमारी ने कहर मचाया हुआ है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस महामारी की वैक्सीन खोजने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं। स्वामी रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि ने 'कोरोनिल' नामक आयुर्वेदिक दवा की घोषणा की जो कोरोना वायरस को जड़ों से खत्म करने का दावा करती है। दवा तीन के पैक में आती है और तुलसी, गिलोय और अश्वगंधा से बनाई जाती है। इसके साथ ही स्वामी रामदेव ने दावा किया कि कोरोनिल का सेवन करने से इसका रिजल्ट 100 प्रतिशत मिलता है। 

स्वामी रामदेव के अनुसार कोरोनिल किट में श्वासारि वटी, कोरोनिल और अणु तेल है। जहां कोरोनिल गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा से मिलकर बना है जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करेगा। इसके साथ ही श्वासारि आपके रेस्पेटरी सिस्टम को मजबूत करने के साथ सर्दी-जुकाम जैसी समस्या को कोसों दूर रखेगा। 

पतंजलि कोरोनिल क्या है? जनिए इस दवा के बारे में सब कुछ

क्या है कोरोनिल?

कोरोना किट में श्वासारि और कोरोनिल के साथ-साथ अणु तेल है। कोरोनिल में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो साइटोकाइन के तूफान को कंट्रोल कर लेता है। यह पॉजिटिव मरीज को 3 से 7 दिन में सही कर सकता है। इससे इम्यूनिटी बूस्ट होने के साथ यह शरीर और लक्षण दोनों में काम करता है। 

ऐसे करना होगा कोरोनिल का सेवन

स्वामी रामदेव के अनुसार कोरोनिल को  श्वासारि वटी के साथ 1-2 गोली सुबह और शाम लें।  इसका सेवन करने से तीन दिन से लेकर 7 दिन में कोरोना से मुक्ति मिल जाती है। वहीं अणु तेल की 5-6 बूंदें  नाक में डालना है। 

कैसे करेंगी कोरोना किट काम

इस किट को लेकर सभी के मन में सवाल आता है कि आखिर ये किट कोरोना से निजात दिलाने में कैसे काम करेगी।  

स्वामी रामदेव ने बताया कि कोरोनिल तुलसी, अश्वगंधा और गिलोय से मिलकर बनी हैं। जहां अश्‍वगंधा से रिसेप्‍टर-बाइंडिंग डोमेन  को शरीर के ऐंजियोटेंसिन-कन्‍वर्टिंग एंजाइम से नहीं मिलने देता। जिससे कोरोना आपके शरीर में प्रवेश नहीं कर पाता है। वहीं गिलोय की बात करें को इसमें ऐसे गुण पाए जाते है। जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करता है। जिससे कोरोना वायरस आपसे कोसों दूर रहता है। इसके अलावा तुलसी में ऐसे गुण पाए जाते हैं तो कोरोना को पास फटकने भी नहीं देता है। 

आयुर्वेद के लिए लाइसेंस क्यों जरूरी?

स्वामी रामदेव के अनुसार जब भी कोई दवा बनती है तो पहले लाइसेंस लेना पड़ता है। ऐसे में आयुर्वेद का लाइसेंस की बात करें तो आज से 50 साल पहले तक आयुर्वेद के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होती थी। लेकिन जब से इसको सरकार से अपने कंट्रोल में लिया। तबसे इसके लिए लाइसेंस लेना बहुत जरूरी है।

स्वामी रामदेव ने कही ये खास बातें

  • स्वामी रामदेव ने कहा कि कोरोनिल में गिलोय,अश्वगंधा और तुलसी का संतुलित मात्रा में मिश्रण है। हमने कोरोनिल और श्वसारि का संयुक्त ट्रायल किया हुआ है। हमने इसको अलग-अलग ट्राई नहीं किया है। हमने मॉडर्न साइंस के प्रोटोकॉल के तहत रिसर्च की है।

  •  स्वामी रामदेव ने कहा, "पिछले सप्ताह से कुछ लोग मेरे और पतंजलि के बारे में बात कर रहे हैं। कोरोनिल को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आलोचना की थी। स्वामी रामदेव और पतंजलि पिछले कुछ वर्षों से देश की सेवा कर रहा है। मैंने लोगों के स्वभाव में योग को शामिल किया है। आयुष मंत्रालय ने सराहना करते हुए कि पतंजलि ने 'कोरोनिल' कोरोनवायरस से लड़ने के लिए एक बड़ी पहल की है। इसके पूरे ट्रायल किए गए है। रिसर्च को लेकर जितने भी पैरामीटर हैं। हमने उसे ठीक ढंग से फॉलो किया है।
  • पीएम मोदी और आयुष मंत्रालय चाहता था कि पूरी दुनिया आयुर्वेद को ड्रग के रूप में जानें। हम इसमें पूरी मेहनत कर रहे हैं और आने वाले समय में यह सपना भी पूरा होगा। आगे भी इसी तरह और भी ट्रायल करते रहेंगे।
  • कोरोना वायरस ही नहीं, आयुर्वेद के माध्यम से कई बीमारियों का इलाज खोजने के लिए 500 डॉक्टरों की टीम दिन-रात काम कर रही है।

  •  100 लोगों के ऊपर क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल की गई। 3 दिन के अंदर 69 प्रतिशत मरीज पॉजिटिव से निगेटिव हो गए और 7 दिन के अंदर 100% रोगी ठीक हो गए। 
  • स्वामी रामदेव के अनुसार, कोरोनिल और श्वासारि का हमने लाइसेंस ले लिया है। दोनों का सयुंक्त रूप से क्लीनिकल ट्रायल किया गया है। 
  • पीएम मोदी और आयुष मंत्रालय चाहता था कि पूरी दुनिया आयुर्वेद को ड्रग के रूप में जानें। हम इसमें पूरी मेहनत कर रहे हैं और आने वाले समय में यह सपना भी पूरा होगा। 

  • इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए गिलोय घनवटी, श्वासारि, तुलसी घनवटी और अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं। इससे करोड़ो लोग सेवन कर रहे हैं।

  • अभी तक कोरोना के ऊपर क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। इसके अलावा 10 से ज्यादा बीमारियों पर हम ट्रायल कर रहे हैं और उसमें तीन लेवल पार कर चुके हैं। इसमें हापरटेंशन, अस्थमा, हार्ट, चिकुनगुनिया जैसे रोग शामिल हैं, जिन पर हम ट्रायल कर रहे हैं।

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