Coronavirus LIVE: ब्लैक फंगस के बाद वाइट फंगस का खतरा बढ़ा, सामने आए कई मरीज
Coronavirus LIVE: ब्लैक फंगस के बाद वाइट फंगस का खतरा बढ़ा, सामने आए कई मरीज
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते इन दिनों अस्पतालों का बहुत बुरा हाल है। जहां पर दवाइयों से लेकर बेड्स और ऑक्सीजन की भारी कमी के चलते हजारों मरीजों की जान जोखिम में हैं।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते इन दिनों अस्पतालों का बहुत बुरा हाल है। जहां पर दवाइयों से लेकर बेड्स और ऑक्सीजन की भारी कमी के चलते हजारों मरीजों की जान जोखिम में हैं। हर रोज ऑक्सीजन न मिलने की वजह से मरीजों की सांस थम रही हैं। जानिए कोरोना संबंधी हर सवाल का जवाब।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल वाराणसी के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करेंगे: प्रधानमंत्री कार्यालय
May 20, 202111:48 PM (IST)Posted by Jyoti Jaiswal
रिम्स (रांची) में आज रात 8 बजे तक म्यूकोर्माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के 2 मामले और एस्परगिलस नाइजर के एक मामले पाए गए। कुल 11 मरीज संदिग्ध थे। शेष 8 सैंपलों के परिणाम का इंतज़ार है: राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स)
May 20, 20218:46 PM (IST)Posted by Jyoti Jaiswal
भारत बायोटेक ने भारत बायोटेक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अंकलेश्वर, गुजरात के चिरोन बेहरिंग में COVAXIN के लिए अतिरिक्त विनिर्माण क्षमताओं के त्वरित रैंप-अप की घोषणा की।
May 20, 20217:14 PM (IST)Posted by Jyoti Jaiswal
May 20, 20215:41 PM (IST)Posted by Jyoti Jaiswal
ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक है वाइट फंगस
कोविड से ठीक हुए मरीजों में म्यूकोर्मिकोसिस या 'ब्लैक फंगस' के बढ़ते मामलों पर चिंता के बीच, बिहार में 'व्हाइट फंगस' के कई मामले सामने आए हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि 'व्हाइट फंगस' म्यूकोर्मिकोसिस से ज्यादा घातक है क्योंकि यह फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है। बिहार की राजधानी पटना में 'वाइट फंगस(सफेद कवक)' के चार मरीजों का पता चला है। पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ एसएन सिंह ने इंडिया टीवी को बताया कि सफेद कवक के और भी कई मामले हो सकते हैं।
डॉ सिंह ने कहा कि जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, मधुमेह है, एड्स के मरीज हैं, जिन लोगों का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है, उनमें इस बीमारी की आशंका ज्यादा होती है। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड रोगियों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग करते समय लापरवाही उन्हें 'वाइट फंगस' के खतरे में डाल सकती है।
डॉ सिंह ने कहा, "लोग ऑक्सीजन सिलेंडर से जुड़े ह्यूमिडिफायर में नल के पानी का उपयोग करते हैं। नल के पानी में 'वाइट फंगस' हो सकता है जो ऑक्सीजन समर्थन पर व्यक्ति के सीने में संक्रमण का स्रोत हो सकता है।"
उन्होंने कहा कि 'वाइट फंगस' के लक्षण कोविड के समान हैं और संक्रमण का निदान सीटी-स्कैन या एक्स-रे के माध्यम से किया जा सकता है।
ब्लैक फंगस पर स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज सभी राज्यों से म्यूकोर्मिकोसिस या 'ब्लैक फंगस' को महामारी घोषित करने को कहा। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने एक पत्र में राज्यों से घातक संक्रमण को महामारी रोग अधिनियम के तहत रखने को कहा है।
"हाल के दिनों में म्यूकोर्मिकोसिस नाम का फंगस संक्रमण के रूप में एक नई चुनौती सामने आई है और कई राज्यों से कोविड -19 रोगियों में विशेष रूप से स्टेरॉयड थेरेपी लेने वालों में पाई गयी है। यह फंगल संक्रमण लंबे समय तक रुग्णता और मृत्यु दर का कारण बन रहा है।
महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्य 'ब्लैक फंगस' के मामलों में वृद्धि दर्ज कर रहे हैं। अकेले महाराष्ट्र में म्यूकोर्मिकोसिस से 90 लोगों की मौत हो चुकी है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, स्टेरॉयड जो प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाते हैं, एक रोगी को फंगल संक्रमण को पकड़ने के लिए कमजोर बनाते हैं।
May 20, 20214:53 PM (IST)Posted by Jyoti Jaiswal
स्वामी रामदेव ने बताया कि योग स्व इम्युनिटी बढ़ती है इसलिए कोरोना होने के बाद योग जरूर करें इससे भी ब्लैक फंगस से बचाव हो सकता है।
May 20, 20214:52 PM (IST)Posted by Jyoti Jaiswal
स्वामी रामदेव ने बताया सेंधा नमक और हल्दी को गुनगुने पानी से गरारा करने से ब्लैक फंगस होने की संभावना कम हो जाती है।
May 20, 20212:27 PM (IST)Posted by Shivanisingh
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा- ब्लैक फंगस को घोषित करें महामारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत म्यूकोर्मिकोसिस को एक उल्लेखनीय बीमारी बनाने का आग्रह किया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्लैक फंगस के अनुसार सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाएं, मेडिकल कॉलेज MoHFW और ICMR द्वारा जारी म्यूकोर्मिकोसिस की जांच, निदान, प्रबंधन के लिए दिशानिर्देशों का पालन करेंगे
May 20, 20211:45 PM (IST)Posted by Shivanisingh
दिल्ली के 3 अस्पतालों में बनाए जाएंगे ब्लैक फंगस के इलाज के लिए डेडिकेटेड सेंटर
दिल्ली में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले के कारण लोक नायक हॉस्पिटल, गुरु तेज बहादुर हॉस्पिटल और राजीव गांधी अस्पताल में ब्लैक फंगस ट्रीटमेंट सेंटर बनेंगे।
May 20, 20211:32 PM (IST)Posted by Shivanisingh
पुर्तगाल ने भारत को रेमडेसिविर की 5,500 यूनिट दान की
पुर्तगाल के स्वास्थ्य महानिदेशालय (डीजीएस) ने भारत को एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर की 5,500 यूनिट दान करने की घोषणा की है। भारत वर्तमान में कोविड महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर से जूझ रहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने एक बयान में डीजीएस के हवाले से कहा, "भारत ने गंभीर महामारी की स्थिति से निपटने के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया समन्वय केंद्र (ईआरसीसी) को सक्रिय करने का अनुरोध किया है। इसे देखते हुए पुर्तगाल एकजुटता में योगदान करने की इच्छा व्यक्त करता है।"
ईआरसीसी यूरोपीय संघ (ईयू) के नागरिक सुरक्षा तंत्र का केंद्र है।
यह आपदा प्रभावित देशों जैसे राहत सामग्री, विशेषज्ञता, नागरिक सुरक्षा टीमों और विशेष उपकरणों को सहायता प्रदान करने का समन्वय करता है।
रेमडेसिविर को यूरोपीय संघ में कोविड-19 के इलाज के लिए अधिकृत किया गया है।
(आईएएनएस)
May 20, 202112:53 PM (IST)Posted by Shivanisingh
हवा में 10 मीटर आगे तक फैल सकता है कोरोना वायरस, सरकार की नई गाइडलाइन
वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति के सांस छोड़ने, बोलने, गाने, हंसने, खांसने और छींकने से लार और नाक से निकलने वाले स्राव में वायरस निकलता है, जो दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए संक्रमण के इस चेन को तोड़ने के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करना बहुत ही जरूरी है। मास्क पहनें, सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाएं और हाथ धोते रहें। विशेषज्ञों के मुताबिक, एक संक्रमित व्यक्ति में लक्षण दिखने में दो सप्ताह तक का समय लग सकता है, इस दौरान वे दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में लक्षण नहीं भी दिखते हैं, फिर भी वे वायरस फैला सकते हैं
May 20, 202112:52 PM (IST)Posted by Shivanisingh
ब्लैक फंगस को लेकर एम्स ने जारी की गाइडलाइन्स
कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है।महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यह आंखों, दिमाग पर बुरा असर डालने के साथ-साथ लोगों की जान भी ले रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस की वजह से 3874 लोगों की जान गई है और अबतक देश में यह वायरस 2.87 लाख से ज्यादा लोगों की मौत का कारण बन चुका है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के 2.76 लाख नए मामले दर्ज किए गए हैं। अबतक देश में 2.57 करोड़ से ज्यादा कोरोना मामले दर्ज किए जा चुके हैं और पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना के मरीजों की पहचान के लिए 20.55 लाख से ज्यादा टेस्ट हुए हैं। यानि पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 13.43 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
May 20, 20219:49 AM (IST)Posted by Shivanisingh
बच्चों पर Covaxin के ट्रायल पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार
दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा ‘भारत बायोटेक’ को कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर परीक्षण के लिए दी गई अनुमति रद्द करने के लिए दायर याचिका पर बुधवार को केन्द्र को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्रालय , महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और ‘भारत बायोटेक’ को नोटिस जारी किये। इन सभी को 15 जुलाई तक नोटिस के जवाब देने हैं। यह याचिका संजीव कुमार ने दायर की गई है।
अदालत ने हालांकि कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर ‘क्लीनिकल ट्रायल’ के लिए 12 मई को दी गई अनुमति पर कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। ‘क्लीनिकल ट्रायल’ 525 स्वस्थ स्वयंसेवकों पर किया जाएगा। इन्हें भी टीके 28 दिन के अंतर में दो खुराक में लगाए जाएंगे।
May 20, 20218:20 AM (IST)Posted by Shivanisingh
अब घर बैठे कर पाएंगे कोरोना टेस्ट, ICMR ने टेस्ट किट को दी मंजूरी
कोरोना महामारी के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल (ICMR) कोविड -19 घरेलू परीक्षण के लिए एक सलाह जारी की। जहां कोई व्यक्ति बिना किसी डॉक्टर की मौजूदगी के खुद का परीक्षण कर सकता। यह एक होम रैपिड एंटीजन टेस्टिंग(RAT) किट है।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कोहराम के बाद अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन भारी किल्लत है। ऐसे में तमाम लोग घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर रखकर अपने सैचुरेशन में सुधार कर रहे हैं। ऐसे में भरात सरकार ने लोगों को जागरूक करते हुए एक ट्ववीट क्या जिसमें बताया कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का इस्तेमाल किया केवल चेस्ट फिजीशियन के गाइडेंस के साथ किया जा सकता है। ऐसे इसका इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है।
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