Monday, November 25, 2024
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Coronavirus Live: कोरोना काल में बुजुर्गों का खयाल रखें जिससे उन्हें अकेलापन न महसूस हो: स्वास्थ्य मंत्रालय

भारत इस समय कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। इस मुश्किल घड़ी में हमें अपने बुजुर्गों का खास ख्याल रखना चाहिए।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: May 31, 2021 23:42 IST
Coronavirus Live: 9 फीसदी से अधिक लोगों कभी नहीं लेना चाहते कोविड वैक्सीन: सर्वे- India TV Hindi
Image Source : PIXABAY.COM Coronavirus Live: 9 फीसदी से अधिक लोगों कभी नहीं लेना चाहते कोविड वैक्सीन: सर्वे

भारत इस समय कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। इस मुश्किल घड़ी में बुजुर्गों का खास खयाल रखना हम सब का दायित्व है। इस बात को याद दिलाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुझाव दिए हैं। इन सुझावों पर अमल करने से हमें  बुजुर्गों का खयाल रखने में आसानी होगी। 

 

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  • 9:13 PM (IST) Posted by Shipra Saxena

    भारत में स्थित जापानी दूतावास का बयान, 800 वेंटिलेटर और 800 ऑक्सीजन कंसंटेटर भारत को सौंपे गए

    भारत में स्थित जापानी दूतावास की ओर से बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया है कि- आपातकालीन सहायता का पहला और दूसरा बैच, जिसमें 800 वेंटिलेटर और 800 ऑक्सीजन कंसंटेटर शामिल हैं, सभी को भारत को सौंप दिया गया है। हम जीवन बचाने के लिए और सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं। 

  • 9:09 PM (IST) Posted by Shipra Saxena

    गुरुग्राम में कुछ पांबदियों के साथ खुली मार्केट और मॉल, देखें तस्वीरें

  • 9:07 PM (IST) Posted by Shipra Saxena

    मुंबई में कोरोना केस में गिरावट, हफ्ते में 5 दिन खुलेंगी नॉन एसेंशियल दुकाने

    मुंबई में कोरोना केस में गिरावट देखी गई है। कोरोना मामलों में गिरावट देखते हुए सरकार ने एलान किया है कि सभी नॉन एसेंशियल दुकानों को हफ्ते में 5 दिन (सोमवार से शुक्रवार) सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक खोला जाए। ये दुकाने ऑड और ईवन के तौर पर खुलेंगी। वीकेंड पर सभी दुकाने बंद करेंगी। 

  • 6:20 PM (IST) Posted by Priya Singh

    अगर आपके प्रियजनों को कोरोना के लक्षण आते हैं, तो इन तीन बातों का ध्यान रखें: स्वास्थ्य मंत्रालय

    कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सराकार की ओर से जारी किए गए गाइडलाइन्स को फॉलो करना जरूरी है। बीते कुछ दिनों से कोरोना को मामलों में कमी आने के बावजूद भी सरकार की ओर से समय-समय पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। 

    अगर आपके किसी प्रियजनों को कोरोना के लक्षण आते हैं, तो इन तीन बातों का ध्यान रखें:

    उनकी जांच कराएं
    डॉक्टर से संपर्क करें
    अपनों से दूरी बनाएं

  • 4:29 PM (IST) Posted by Priya Singh

    बुजुर्गों से जुड़ाव रखें जिससे संक्रमण से लड़ाई के दौरान उन्हें अकेलापन न महसूस हो: स्वास्थ्य मंत्रालय

    कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में बुजुर्गों का खयाल रखना बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अगर आप उनसे जुड़ाव रखेंगे तो उन्हें अकेलापन महसूस नहीं होगा। इस तरह से संक्रमण से लड़ाई आसान हो जाएगी। 

     

  • 2:56 PM (IST) Posted by Shivanisingh

    दुनिया में भयावह गति से फैल रहा है  बी1617 वेरिएंट- एक्सपर्ट

    बी1617 कोविड वैरिएंट दुनिया भर में 'भयावह गति' से फैल रहा है और यहां के विशेषज्ञों द्वारा वायरस के नवीनतम आकलन के अनुसार, विशेष रूप से कम टीकाकरण दर वाले देशों में ये वैरिएंट महामारी को और बढ़ा सकता है।

    स्ट्रेट टाइम्स ने रविवार को बताया कि बी1617 स्ट्रेन दुनिया भर में तेजी से प्रभावी होता जा रहा है और यह आखिरी बार नहीं होगा जब ये वायरस म्यूटेंट होगा।

    नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) सॉ स्वी हॉक स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन टीओ यिक यिंग के हवाले से कहा गया कि "किस भयावह से ये वैरिएंट समुदाय के भीतर व्यापक रूप से फैलने और प्रसारित करने में सक्षम है।"

    यिंग ने कहा, "इसमें दुनिया भर में एक बड़ी महामारी फैलाने की झमता है जिसे अबतक नहीं देखा गया है।"

    विशेषज्ञों का कहना है कि बी1617 एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ज्यादा आसानी से फैलने के लिए उत्परिवर्तित हुआ है, और टीकों के साथ-साथ प्राकृतिक संक्रमण से सुरक्षा को कम कर सकता है।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वैरिएंट, जिसे पहली बार अक्टूबर 2020 में भारत में पाया गया था, अब 50 से अधिक देशों में मौजूद है । ये संक्रमण पैदा करने वाले अन्य उपभेदों को पार कर रहा है। इस महीने की शुरूआत में, वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने इसे 'वैश्विक चिंता का एक प्रकार' घोषित किया।

    18 महीने पहले वुहान में पहली बार दिखाई देने वाले स्ट्रेन की तुलना में यह स्ट्रेन 1.5 गुना से दो गुना अधिक ट्रांसमिसिबल है। बी1617 के तीन संस्करण हैं - बी16171, बी16172 और बी16173। दूसरा संस्करण सबसे अधिक प्रासंगिक है क्योंकि यह स्थानीय मामलों के साथ-साथ विश्व स्तर पर रिपोर्ट किए गए बी16171 से आगे निकल गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरा संस्करण, बी16173, दुर्लभ है।

    टीओ ने कहा, '' हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि बी1617 अधिक गंभीर बीमारी या मौतों का कारण बनता है, सबसे अच्छा हथियार व्यापक टीकाकरण है। टीके लगाए गए व्यक्तियों में संक्रमित होने की और गंभीर लक्षण विकसित होने की संभावना बहुत कम होती है, भले ही वे संक्रमित हों।''

    विभिन्न शोधों से पता चला है कि फाइजर, मॉर्डना और एस्ट्राजेनेका टीके बी1617 के खिलाफ प्रभावी हैं।

    हालांकि, अधिकांश देश, दुर्भाग्य से, अपने लोगों को टीका लगाने में बहुत पीछे हैं क्योंकि वैक्सीन आपूर्ति और वितरण में वैश्विक असमानता बनी हुई है।

    डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल आउटब्रेक अलर्ट एंड रिस्पांस नेटवर्क के अध्यक्ष प्रोफेसर डेल फिशर ने कहा कि इसका मतलब है कि बी1617 के उन देशों में रेंगने की अधिक संभावना है जो पहले कोविड -19 से कम से कम प्रभावित थे।

    फिशर ने कहा, "ये देश, जैसे कि थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस और वियतनाम, कम टीकाकरण दर के कारण अधिक संवेदनशील हैं, जिससे उन्हें गंभीर बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है।"

    --आईएएनएस

  • 1:57 PM (IST) Posted by Shivanisingh

    क्या है कोरोना में दी जाने वाली 'ट्रंप कॉकटेल' थेरेपी?

    मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार चिकित्सा जिसका उपयोग पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कोविड उपचार में किया गया था और इसे ट्रम्प कॉकटेल थेरेपी के रूप में जाना जाता है इस थेरेपी को हाल ही में भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी मिली थी।

    अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ मयंक सोमानी ने कहा, "मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल थेरेपी, जिसे 'ट्रम्प कॉकटेल' के रूप में भी जाना जाता है, अब हमारे अस्पताल में उपलब्ध है। उपचार की विधि हल्के या मध्यम कोविड रोगियों में प्रभावी है जहां ऑक्सीजन समर्थन की आवश्यकता नहीं है। एक मरीज को संक्रमण के लिए सकारात्मक परीक्षण के 10 दिनों के भीतर चिकित्सा दी जानी चाहिए।"

    विशेषज्ञों ने कहा कि कॉकटेल थेरेपी एक दवा, रेजेनरॉन के माध्यम से प्रशासित की गई थी, जो प्रयोगशालाओं में विकसित दो कृत्रिम एंटीबॉडी, कैस्ट्रिविमैब और इमदेविमाब का संयोजन है।

    यह पाया गया है कि एंटीबॉडी का कॉकटेल मानव कोशिका में नोवेल कोरोनावायरस के प्रवेश को रोकता है, इस प्रकार इसे शरीर में अन्य कोशिकाओं में जाने से पहले कोशिका को दोहराने और नुकसान पहुंचाने से रोकता है।

    दवा को रोगी के शरीर में अंत शिरा विधि के माध्यम से प्रशासित किया जाता है जिसमें लगभग एक घंटे का समय लगता है।

    यदि कोई जटिलता न हो तो रोगी को घर भेजने से पहले एक घंटे तक निगरानी में रखा जाता है।

    चिकित्सा आमतौर पर सहरुग्णता वाले रोगियों को दी जाती है जिनमें कोविड संक्रमण के गंभीर होने की संभावना अधिक होती है।

    मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ राकेश कपूर ने कहा, "एक 55 वर्षीय पुरुष कोविड रोगी रविवार को लखनऊ में 'कॉकटेल थेरेपी' प्राप्त करने वाला पहला व्यक्ति बन गया है। उसे डॉ रुचिता शर्मा द्वारा दवा दी गई। रोगी ने लक्षणों और वायरल लोड में कमी महसूस की है। वर्तमान में, उपचार की लागत 60,000 रुपये है।"

  • 12:49 PM (IST) Posted by Shivanisingh

    उत्तर प्रदेश में 1,45,42,802 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज तथा पहली डोज लेने वाले 34,49,797 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है।

     

  • 11:40 AM (IST) Posted by Shivanisingh

    सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में दावा किया गया जा रहा है कि कोरोना  के टीकाकरण के बाद, टीका लगाए हुए बाहों से बिजली उत्पन्न हो जाती है।

  • 9:45 AM (IST) Posted by Shivanisingh

    पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 2.38 लाख से ज्यादा लोग हुए ठीक

    केंद्रीय  स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना की वजह से 3128 लोगों की जान गई है और अबतक इस वायरस से देश में 3.29 लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है। 

    हालांकि रोजाना आने वाले नए मामलों में पहले की तुलना में बहुत कमी आई है, स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस के 152734 नए मामले सामने आए हैं। 15 दिन पहले तक रोजाना मामलों का आंकड़ा 4 लाख के ऊपर था। देश में अबतक कोरोना वायरस के 2.80 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं और इनमें 2.56 करोड़ से ज्यादा लोग ठीक भी हो चुके हैं। देश में फिलहाल कोरोना वायरस से रिकवरी की दर 91.60 प्रतिशत है और पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 2.38 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए हैं। 

  • 7:57 AM (IST) Posted by Shivanisingh

    9 फीसदी से अधिक लोगों का है कहना : कभी नहीं लेंगे कोविड वैक्सीन : सर्वे

    भारत इस समय कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। महामारी से लोगों को दूर रखने और संक्रमण दर को कम करने के लिए तेजी से लोगों में टीकाकरण कराए जाने का काम किया जा रहा है। हालांकि एक सर्वेक्षण में 9.6 प्रतिशत लोगों ने खुलासा किया है कि उन्होंने अब तक टीके की एक भी खुराक नहीं ली है और न ही वे आगे लेंगे। 1 जनवरी से 27 मई के बीच आयोजित आईएएनएस-सी वोटर कोविड ट्रैकर में इस बात का खुलासा हुआ कि 15.7 प्रतिशत लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक मिली है। इस सर्वेक्षण में कुल 56,685 लोगों ने भाग लिया था।

    इसी अवधि के दौरान लगभग 8 प्रतिशत लोगों ने उत्तर दिया कि उन्हें टीके की दोनों खुराकें मिल गई हैं। कुल प्रतिभागियों में से 59.5 प्रतिशत लोगों ने उत्तर दिया कि उन्होंने टीका नहीं लगाया है, लेकिन लगवा लेंगे।

    सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह कहा गया कि 7.3 प्रतिशत लोगों ने अभी भी यह तय नहीं किया है कि वे टीका लगवाएंगे या नहीं।

    --आईएएनएस

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