दुनियाभर में करीब 3 साल से कोरोना वायरस का कहर जारी है और फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में प्रकाशित हुए एक नए अध्ययन से पता चला है कि कोविड-19 व अन्य सुपरबग के कारण उत्पन्न गतिरोध से मलेरिया, खसरे (Khasra), तपेदिक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। बता दें कि सुपरबग एक सूक्ष्मजीव है। ये एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल या एंटीफंगल होते हैं, जिसका कोई इलाज नहीं होता। इसका इलाज करना काफी मुश्किल होता है। अगर किसी को ये बीमारी हो जाए तो उसके स्वस्थ होने की संभावना कम ही होती है। इसके अलावा और भी कई बीमारियां हैं, जो मंकीपॉक्स की तरह सामने आ रही हैं।
एक अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 के कुछ लक्षण 15 महीने से भी ज्यादा समय तक बने रह सकते हैं। लंबे समय तक रहने वाले इन लक्षणों को लॉन्ग कोविड सिम्पटम्स कहा जाता है। अगर कोई व्यक्ति पहले कोविड-19 का शिकार हुआ है, तो हो सकता है वह लॉन्ग कोविड लक्षण से पीड़ित हो। मूड स्विंग, हेयर लॉस, सूघने की क्षमता कम होना आदि कुछ ऐसे आम लक्षण हैं, जो कोविड-19 से प्रभावित लोगों में लंबे समय तक रह सकता है।
लॉन्ग कोविड करता है कई अंगों को प्रभावित
कोविड-19 संक्रमण शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है। आपको बता दें कि इलाज से इससे कुछ लक्षण तो सही हो जाते हैं, लेकिन कुछ लक्षण कोरोना ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं। ऐसे में इन लक्षणों को नजरअंदाज भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। आइए जानते हैं लॉन्ग कोविड के लक्षण
- थकान
- गंध न आना
- सांस फूलना
- ब्रेन फॉग
- त्वचा संबंधी समस्याएं
- यूरिनरी इनकंटीनेंस
- चक्कर आना
- माउथ अल्सर
- एनोरेक्सिया
- नाखूनों में बदलाव
- गैस्ट्राइटिस
- बालों का झड़ना
- बार-बार छींक आना
- सांस लेने में तकलीफ
- सीने में दर्द
- बुखार आना
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