कोरोना वायरस की दूसरी स्ट्रेन बहुत ज्यादा घातक हो गई है, क्योंकि अब इस वायरस ने बच्चों को भी जकड़ना शुरू कर दिया है। 8 महीने से लेकर 14 साल तक के बच्चों में ये संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
सूरत का एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें 14 दिन के एक संक्रमित बच्चे की मौत हो गई। इतना ही नहीं दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा कर्नाटक समेत देश के कई राज्यों में बच्चों में संक्रमण के हर दिन मामले बढ़ते जा रहे हैं। दिल्ली में हर रोज डॉक्टरों की 20-30 परसेंट टेलीकांफ्रेसिंग से बच्चों में कोरोना के लक्षणों को लेकर हो रही है।
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ऐसे में लोगों का सवाल आता है कि आखिर बच्चों को इस खतरनाक महामारी से कैसे बचाएं। इन्हीं सभी सवालों को जवाब देने के लिए इंडिया टीवी के खास शो में डॉक्टरों से जानिए हर एक सवाल का जवाब।
बच्चों में कोरोना के बढ़ते केस क्या करें पैरेंट्स?, बच्चों में कोरोना के लक्षण दिखे तो क्या करें ?, बच्चों में कोरोना के वो लक्षण कौन से कौन से हैं, बच्चों में कोरोना को लेकर उठ रहे हर सवाल का जवाब जानिए देश के तीन बड़े बालरोग विशेषज्ञों नानावटी हॉस्पिटल से डॉ तुषार मनियार, सीनियर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ रवि मलिक और एम्स की डॉ झुमा शंकर से।
Double Mutant Virus: बहुत ज्यादा खतरनाक है कोरोना का नया स्ट्रेन, डॉक्टरों से जानिए बचने का तरीका
बच्चों में दिखने वाले कोरोना के लक्षण
- तेज बुखार
- सांस लेने में दिक्कत
- हल्की खांसी
- थकान
- पेट में दर्द
- उल्टी
- दस्त
- त्वचा में सूजन
- लाल आंखें
- त्वचा के रंग में बदलाव
- मुंह में छाले
- भूख कम लगना
- स्वाद का पता नहीं लगना
कहां-कहां बच्चों में कोरोना संक्रमण ?
8 महीने से 12 साल तक के बच्चे को कोरोना का सबसे अधिक संक्रमण दिख रहा है। जिसमें महाराष्ट्र , हरियाणा , गुजरात , कर्नाटक , उत्तर प्रदेश , छत्तीसगढ़, दिल्ली आदि राज्य शामिल है।
बच्चे को हो गया है कोरोना तो क्या करें?
बिना डॉक्टर के सलाह कोई दवा जैसे एंटी वायरल ड्रग्स, स्टेरायड्स, एंटीबायोटिक आदि न दें। इसके साथ ही बुजुर्गों से दूर रखें।
- संक्रमित से बच्चों को दूर रखें
- बच्चों को मास्क पहनाएं
- घर से बाहर खेलने न भेजें
- फंक्शन से बच्चों को दूर रखें
- स्वीमिंग क्लासेज से दूरी
- शॉपिंग मॉल ले जाने से बचें
- भीड़-बाजार में न ले जाएं
- अगर आपके बच्चे में कोई भी कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- अपने आप बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी टेस्ट, थेरेपी या फिर दवा का सेवन न कराएं।
- डॉ तुषार मनियार के अनुसार, बच्चों को विटामिन डी दें। इसके अलावा कोई भी जिंक, विटामिन सी या मल्टीविटामिन न दें। जैसे बड़े लोग एंटी बायोटिक जैसे कई दवाएं लेते है। लेकिन यह दवाएं 15 साल के नीचे के बच्चों को नहीं देना चाहिए। इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
- डॉ झुमा शंकर के अनुसार घर पर बना हुआ खाना बच्चों को खिलाएं। इसके साथ ही फलों और सब्जियों का सेवन अधिक कराएं। अगर बच्चा बाहर के खाने के लिए जिद करता है तो उसे समझाए कि इस समय वो फूड उनके लिए कितना खतरनाक है।
- डॉ रवि मलिक के अनुसार बच्चों को इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए मल्टी विटामिन दे सकते हैं। लेकिन कोई कोई विटामिन ज्यादा देने से बचे।
क्या बच्चों को बाहर भेजना चाहिए?
- नानावटी हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ रवि मलिक के अनुसार बच्चों को बिल्कुल भी बाहर न भेजे। आने वाले 6-7 हफ्ते और अधिक तेजी से कोरोना फैलेगा। ऐसे में इनडोर गेम ही बच्चों को खिलाएं। पैरेंट्स बच्चों के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं। क्योंकि बच्चों को वैक्सीन भी नहीं लगी है।
- 11 से 17 साल बच्चों को अधिक इंफेक्शन का खतरा है। इसलिए इन्हें तो सबसे ज्यादा सावधान रहना चाहिए।
- इन दिनों बच्चे पढ़ाई और इंटरटेनमेंट के कारण अधिक से अधिक समय स्क्रीन के सामने बीता रहे हैं। ऐसे में कोशिश करें कि वह कम बिताएं। इसके साथ ही हर 20 मिनट बाद एक 20 सेकंड का भ्रेक लें। जिसमें आंख बंद कर लें या फिर खिड़की के बाहर देंखे।
- बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। जिसे कम करने की कोशिश करे। मोटापा के कारण कोविड का खतरा अधिक होता है।
- पढ़ाई और कोविड को लेकर बच्चों के मानसिक तनाव बहुत अधिक पड़ रहा है। ऐसे में बच्चों को कोविड को लेकर बच्चों को एजूकेशन जरूर दें।
- डॉ तुषार मनियार के अनुसार अगले 2- 4 हफ्ते तक बच्चों को घर पर ही रह दें। जब केस कम हो जाए तभी ही बाहर जाने दें।