कोरोना वायरस देश-विदेश में तेजी से फैलता चला जा रहा हैं। दुनियाभर में इस जानलेवा वायरस से हजारों लोग मर रहे हैं। जिसके कारण इस वायरस के फैलने के कई तरीके बताए जा रहे हैं। इन्हीं में कई लोगों ने कहा कि यह वायरस हवा से भी फैल रहा हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया में कई मैसेज वायरस हो रहे हैं। इस सवाल का जवाब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा, कोरोना वायरस के हवा में फैलने की बात केवल एक अफवाह है। कोविड-19 'एयरबॉर्न' डिसीज नहीं है। अगर आप खुद की रक्षा करना चाहते है तो हाइजीन का ध्यान रखें। लोगों से 1 मीटर की दूरी बनाकर रखें। अपने हाथों को लगातार साबुन और पानी से धोते रहें। इसके साथ ही आंख, नाक और मुंह को न छुएं।'
इस वायरस का प्रसार छींकने या खांसने के बाद तरल पदार्थों, ड्रॉपलेट्स आदि के माध्यम से होता है। WHO के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस मानव-से-मानव संपर्क, छींक और खांसी के साथ-साथ निर्जीव वस्तुओं पर चिपके कीटाणुओं के माध्यम से फैलता है।
बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के डारेक्टर जनरल डॉ टेड्रोस अदनोम (Dr. Tedros Adhanom) और डॉ मारिया वान केरखोव के साथ बातचीत में भी इससे संबंधी सवाल पूछा था। जिसमें डॉ मारिया ने बताया था कि ये वायरस एयर-बॉर्न नहीं है और हवा से नहीं फैलता है। ये वायरस छोटी-छोटी बूंदों से फैलता है। ये बूंदें आपके मुंह से तब निकलती हैं, जब आप किसी से बात करते हैं, खांसते या छींकते हैं। ये वायरस जब किसी के आंखों, मुंह या नाक तक पहुंचते हैं तो व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाता है। अगर ये वायरस किसी सतह पर हों तो उसके जरिए आपके हाथ और फिर मुंह तक पहुंच सकता हैं। इसलिए अपने हाथों को साबुन से धोएं या एल्कोहल से साफ करें।
वहीं इससे पहले भी विश्व स्वास्थ्य संगठन कई प्रेस कॉफ्रेंस के द्वारा कह चुका है कि यह वायरस हवा से नहीं फैलता है। बीबीसी के अनुसार, फरवरी में हुई प्रेस क्रॉफ्रेंस में WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रो एडेनॉम गैब्रिएसस ने कहा था, "ज़ाहिर तौर पर कोरोना और इबोला एक जैसे नहीं है। कोरोना एयरबॉर्न यानी हवा से भी फैलने वाला वायरस है। इसलिए ये और भी ख़तरनाक है, आप सबने देखा है कैसे ये देखते ही देखते 24 देशों में फैल चुका है।"
वहीं बाद में एक ओर प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें WHO में एमरजिंग डिज़िज़ की हेड डॉक्टर मारिया केराकोव ने कहा, "एक हालिया स्टडी में सामने आया है कि कोरोना वायरस हवा में भी कुछ देर तक रह सकता है। इस रिपोर्ट में 'एरोलाइज़' की बात कही गई है जिसका मतलब ये वायरस का हवा में सामान्य से ज़्यादा देर तक रह सकते हैं।"
इस वायरस का कतरा सबसे ज्यादा अस्पताओं में काम करने वाले कर्मचारियों पर ज्यादा है। ऐसे में कर्मचारियों को हर वक्त साधवान रहते हुए प्रिकॉशन लेने की जरूरत है। जिससे वह खुद को संक्रमित होने से बचा पाएं।