कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच भारतीय वित्त मंत्रालय ने नोटों और सिक्कों पर कोरोना वायरस का संक्रमण होने का खतरा बताते हुए कहा है कि नोटों के लेनेदेने के समय सावधानी बरतनी चाहिए। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन भी करेंसी को छूने से कोरोना के संभावित खतरे की बात कर चुका है। सवाल उठता है कि रोजमर्रा के कामकाज के दौरान लेन देन को रोका नहीं जा सकता, ऐसे में कोरोना से कैसे बचा जाए।
मान लिया जाए कि आप बड़ी खरीदारी नहीं करेंगे लेकिन रोजमर्रा के सामान के लिए तो नोटों और सिक्कों के जरिए लेनदेन से बचा नहीं जा सकता। नोट लेने औऱ देने से पहले बार बार हाथ धोना या हाथों को सेनेटाइज करना हर जगह संभव भी नहीं है। नोटो को भी सेनिटाइज नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे वो बर्बाद हो जाएंगे। ऐसे में कुछ आसान से उपाय आपको कोरोना की गिरफ्त में आने से रोकेंगे, आपको बस उनकी जानकारी की जरूरत है।
कैशलेस देन देन
सब्जी, दूध, रिचार्ज आदि के लिए बाजार में लगभग हर दुकान पर मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करते हुए अन्य पेमेंट बैंक के जरिए भुगतान संभव है। यहां तक कि बाजार में ठेले से पांच रुपए की चीज लेने पर भी ठेली पर आपको पेमेंट बैंक के ऑप्शन दिखाई देंगे। आप कोशिश करें कि मोबाइल के जरिए भुगतान करें ताकि आपकी जेब में संक्रमित नोट न आने पाएं। इसके अलावा आरटीजीसी, नेट बैंकिंग, आईएमपीए के जरिए भुगतान करें।
कोरोना वायरस के चलते घर में बैठे-बैठे न बढ़ जाए वजन, ऐसे करें अपनी डाइट में बदलाव
मजबूरी में नोट लेना पड़े तो क्या करेंगे
इसका भी इलाज है, अगर आपको मजबूरी में नोट लेना भी पड़ रहा है तो इसके लिए जेब में अलग से प्लास्टिक या रबर का छोटा बैग रखें। नोट लेते समय हाथों में सर्जिकल दस्ताने जरूर पहन लें। इनसे वायरस का खतरा आपको हाथों को नहीं छुएगा। जब घर लौट रहे हों तो इन सर्जिकल दस्तानों को नष्ट कर दें।
Coronavirus: कोरोना वायरस क्या है? जानें लक्षण, कारण, भ्रम और बचाव
सिक्कों के साथ क्या करें
अगर किसी कारणवश आपको मजबूरी में दस के सिक्के मिल रहे हों तो दस्तानों के जरिए इन्हें लें और घर आकर डिटॉल से पानी में इन्हें डुबोकर रखें और फिर यूज कर लें।
वैसे राहत की बात ये है कि कोरोना का संक्रमण कागज की सतह पर कुछ घंटे तक रहता है लेकिन फिर भी कोशिश करें कि नोटों को न छुएं और आपदा के इस वक्त में डिजिटल लेनदेन करें।