यूरिक एसिड की समस्या अब लोगों में बढ़ती जा रही है। खासकर इस मौसम में तो इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति की हालत खस्ता हो जाती है। आज के दौर में लगभग हर दूसरा-तीसरा शख्स इस परेशानी से गुजर रहा है। शरीर में प्यूरीन की मात्रा बढ़ने से यूरिक एसिड की समस्या बढ़ जाती है। वैसे तो यूरिक एसिड पेशाब के जरिए बॉडी से बाहर निकल जाता है। लेकिन जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है तब यह आपकी बॉडी में जमा होने लगता है और फिर प्यूरीन क्रिस्टल्स का रूप लेकर शरीर की हड्डियों में जमा हो जाता है। ऐसे में फिर जोड़ों में असहनीय दर्द शुरू हो जाता है। ऐसे में इस समस्या से पीड़ित मरीज इससे छुटकारा पाने के लिए आप डॉक्टर के साथ साथ कुछ घरेलू उपाय भी आज़मा सकते हैं। मूली का साग यूरिक एसिड को भी आसानी से कंट्रोल कर सकता है। चलिए आपको बताते हैं ये यूरिक एसिड को कैसे कम करता है।
मूली का साग है पोषक तत्वों से भरपूर
सर्दियों में मूली के पराठे लोग बेहद चाव से खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं मूली का साग सेहत के लिए भी बेहद फ़ायदेमंद हैं। मूली के साग में विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाई जाती है। मूली में पाए जानेवाले बायोएक्टिव कम्पाउंड प्यूरीन को बढ़ने से रोकता है और ऑक्सालेट स्टोन को कम करके उन्हें बाहर निकालता है। इसके सेवन से शरीर स्वस्थ बना रहता है। इसके सेवन से आपकी हड्डियां भी मजबूत बनी रहती हैं। ऐसे में आप इसका साग का सेवन आसनी से कर सकते हैं।
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इन परेशानियों में भी है कारगर
- इसका सेवन करने से पेट की गंदगी आसानी से दूर हो जाती है।
- मूलीका साग खाने से पाचन सही रहता है
- इसका सेवन से अपच, गैस और एसिडिटी से राहत मिलती है।
- जोड़ों का दर्द और सूजन कम करने में मदद करता है।
- जिन लोगों को गैस की समस्या है उन्हें मूली चबा-चबाकर खानी चाहिए।