क्या आपने कभी रतालू खाया है अगर नहीं तो इसका सेवन आपको ज़रूर करना चाहिए। ये सब्जी मिट्टी के अंदर आलू की तरह बढ़ती है और इसका पेड़ बाहर होचा है। अंग्रेजी में इसे यम कहते हैं और कई राज्यों में इसे जिमीकंद और सूरन भी कहा जाता है। इसकी त्वचा कठोर और मोटी होती है। जिसको आम तौर पर उबालकर खाया जाता है। इस सब्जी की खास बात ये है कि इसमें फाइबर समेत कई प्रकार के ऐसे तत्व होते हैं जिनकी वजह से लोगों को इसे खाना चाहिए।तो, आइए जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में विस्तार से।
पोषक तत्व से भरपूर है रतालू:
रतालू कार्बोहाइड्रेड और घुलनशील फाइबर से भरपूर होता है। इसमें विटामिन सी, फाइबर, थायमिन, मैंगनीज, बी6, और पोटेशियम होता है। इसके अलावा रतालू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और प्रति 100 ग्राम में 118 कैलोरी होती है। रतालू के बहुत सारे स्वास्थ्यवर्द्धक गुण होने के कारण आयुर्वेद में कई तरह के बीमारियों के उपचार स्वरूप इसका प्रयोग किया जाता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद:
रतालू में फाइबर और रफेज काफी मात्रा में होते हैं। इस वजह से यह धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल के कणों को सोख लेता है और फिर इन्हें अपने साथ बाहर ले आता है। इतना ही नहीं, ये धमनियों को भी हेल्दी रखने में मददगार है। तो, कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए आप रतालू को उबालकर और इसकी सब्जी बनाकर खाएं। ये सेहत के लिए फायदेमंद है।
इन अन्य समस्याओं में है फायदेमंद:
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पेट के लिए अच्छा है: ये फाइबर से भरपूर सब्जी पाचन क्रिया को तेज करती है जिससे खाना पचना आसान हो जाता है। इसके अलावा इसे खाना कब्ज और बवासीर की समस्या से भी बचाव में मददगार है।
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मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है: रतालू का सेवन चयापचय को बढ़ाने में सहायक होता है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार रतालू मेटाबोलिज्म को ठीक रखकर मेटाबोलिक डिसऑर्डर को होने से रोकने में सहायता करता है।
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खून बढाए: रतालू में आयरन की मात्रा होती है जो शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या को बचाने और बढ़ाने में मदद करते हैं। इसमें कॉपर और आयरन होता है, जो खून के संचार में मदद करता है। इसलिए जिन लोगों में खून की कमी है उन्हें भी रतालू खाना चाहिए।