![विश्व कुष्ठ दिवस 2025](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज यानी 30 जनवरी के दिन को विश्व कुष्ठ दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्या आप विश्व कुष्ठ दिवस 2025 की थीम के बारे में जानते हैं? इस साल विश्व कुष्ठ दिवस की थीम है, 'एकजुट हो जाओ, काम करो, कुष्ठ रोग को खत्म करो।' आज के दिन हम आपको कुष्ठ रोग से जुड़े कुछ आम मिथकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
फैलने वाली बीमारी
अगर आपको भी यही लगता है कि कुष्ठ रोग फैलने वाली बीमारी है, तो आपको अपनी इस गलतफहमी को दूर कर लेना चाहिए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुष्ठ रोग छूने से या फिर गले लगाने से नहीं फैलता है। आपको पता होना चाहिए कि ये बीमारी कैजुअल या फिर शॉर्ट टर्म कॉन्टैक्ट से नहीं फैलती है।
गिर जाती हैं हाथ-पैर की उंगलियां
कई लोगों का मानना है कि कुष्ठ रोग की वजह से हाथ या फिर पैर की उंगलियां गिर जाती हैं। आपको इस मिथक पर भरोसा नहीं करना चाहिए। हालांकि आपको बता दें कि जिस बैक्टीरिया की वजह से ये बीमारी होती है, वो आपके हाथ-पैर की उंगलियों और नसों पर हमला कर उन्हें सुन्न जरूर कर सकता है।
कुष्ठ रोग के मरीजों को अलग रहना चाहिए
कुछ लोगों का मानना है कि कुष्ठ रोग के मरीजों को स्वस्थ लोगों से अलग रहना चाहिए। अगर मरीज ने सही समय पर कुष्ठ रोग का इलाज शुरू करवा लिया है, तो वो बिना झिझक महसूस किए अपने परिवार के साथ रह सकता है।
बुरे कर्मों का कारण कुष्ठ रोग
क्या आप भी यही सोचते हैं कि जो लोग बुरे कर्म करते हैं, वही कुष्ठ रोग का शिकार बनते हैं। आपको बता दें कि ये भी सिर्फ एक मिथक है। पुराने जमाने के लोग भले ही इस बात को सच मानते थे, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि इस बीमारी के पीछे साइंस है। ये रोग धीमी गति से बढ़ने वाले बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम लेप्राई की वजह से होता है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)