आजकल की बदलती लाइफ स्टाइल में डायबिटीज देश दुनिया में एक गंभीर बीमारी के रूप में सामने आई है। ब्लड में शुगर लेवल का बढ़ना खराब लाइफस्टाइल के कारण होता है। जब शरीर में शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है तो उस वजह से व्यक्ति डायबिटीज का शिकार होकर होने लगते हैं। डायबिटीज में व्यक्ति का शरीर गलने लगता है, कमजोरी छाने लगती है और ज्यादातर लोग शुगर को कंट्रोल करने के लिए पूरी लाइफ दवाई खाते हैं। इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता लेकिन इसे कंट्रोल ज़रूर किया जा सकता है। आप हम आपको बताएंगे कि आप चिरायता के सेवन से डायबिटीज कैसे कम कर सकते हैं।
चिरायता है प्रभावकारी
चिरायता में अमारोगेंटिन नामक एक बायोएक्टिव कंपाउंड पाया जाता है। यह कंपाउंड एंटी-डायबिटिक प्रभाव छोड़ता है और शुगर लेवल को कंट्रोल करने में बेहद असरदार है। यह डायबिटीज में टॉनिक की तरह काम करता है है। असल में चिरायता डायबिटीज के मरीजों के लिए इंसुलिन का काम करता है। इसलिए एक्सपर्ट डायबिटीज के मरीजों को रोज सुबह खाली पेट चिरायता का सेवन करने की सलाह देते हैं।
प्लास्टिक की बोतल में पानी पीते हैं तो जान लीजिए उसके दुष्प्रभाव, हो सकते हैं इन बीमारियों के शिकार
ऐसे करें चिरायता का सेवन
अगर आप दवाएं नहीं खाना चाहते तो डायबिटीज को नैचुरल तरीके से भी कम कर सकते हैं। अगर आप अपने शुगर को नेचुरली कंट्रोल करना चाहते हैं तो उसके लिए आप चिरायता का इस्तेमाल करना शुरू कर दें। इसलिए आप चिरायता का काढ़ा, चिरायता चूर्ण या फिर चिरायता की चाय पी सकते हैं। रोज़ाना खाने से पहले चिरायता के पत्तों का जूस निकालने और उसे पिएं। इसका इस्तेमाल आप टॉनिक के रूप में कर सकते हैं।
मोटाप भी होता है कम
तेजी से मोटापा घटाने के लिए चिरायता के सूखे पत्ते काफी फायदेमंद होते हैं। इनमें मौजूद फाइबर और जरूरी पोषण आपके अस्वस्थ खानपान की आशंका को कम करने में मदद करते हैं।